नई दिल्ली: कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिये सरकार द्वारा जिस आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है उसे लेकर चल रहे विवाद के बीच संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अपनी गलती स्वीकार की है। मंत्रालय ने माना है कि इसे लेकर मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा कुछ गलतियां हुई हैं। आरोग्य सेतु टीम का गठन इस साल अप्रैल में किया गया था। सरकार ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्र के स्वयं सेवकों के सहयोग से अरोग्य सेतु ऐप तैयार की है।
सीआईसी का नोटिस
इससे पहले इस तरह की खबरें आई थीं कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने यह स्पष्ट करने पर विफल रहने कि किसने इस ऐप का विकास किया है, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी (मेइटी) मंत्रालय, एनआईसी तथा राष्ट्रीय ई-अधिशासन प्रभाग (एनईजीडी) के मुख्य लोक सूचना अधिकारियों (सीपीआईओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद मेइटी का यह बयान आया है।
मंत्रालय का बयान
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘यह स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया है कि आरोग्य सेतु ऐप का विकास एनआईसी ने उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्र के स्वयंसेवी लोगों के सहयोग से किया है। इस ऐप का विकास बेहद पारदर्शी तरीके से किया गया है।’ इससे पहले केंद्रीय सूचना आयोग ने एनआईसी से यह स्पष्ट करने को कहा है कि उसके पास इस बात की जानकारी क्यों नहीं है कि ऐप का विकास किसने किया है, जबकि वेबसाइट पर बताया गया है कि इस मंच का डिजाइन, विकास एनआईसी द्वारा किया गया है।
24 नवंबर को पेशी
सीआईसी के आदेश के अनुसार मेइटी, एनईजीडी तथा एनआईसी के सीपीआईओ को 24 नंवबर, 2020 को उसके समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। मेइटी ने कहा कि वह इस आदेश के अनुपालन के लिए उचित कदम उठा रहा है। मेइटी ने कहा आरोग्य सेतु ऐप और देश में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने में उसकी भूमिका को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए।