नयी दिल्ली: राज्य शहरी विकास मंत्रियों के साथ मंगलवार शाम बातचीत के दौरान यह भी फैसला लिया गया कि आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों का एक संपूर्ण सामाजिक-आर्थिक डेटाबेस तैयार करेगा। इसका उद्देश्य उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी), आयुष्मान भारत, उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और दीनदायल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन जैसी अन्य योजनाओं का भी लाभ पहुंचाना है।
बयान में कहा गया है कि आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री पुरी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस बारे में राय ली और उनसे तथा संबद्ध अधिकारियों से मुख्य हितधारकों के साथ बैठकें करने को कहा है, ताकि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी पटरी वाले विक्रेता 10,000 रुपये की कार्यशील पूंजी रिण प्राप्त कर सकते हैं, जिन्हें उन्हें एक साल में मासिक किस्तों में लौटाना होगा।
बयान में कहा गया है, 'इस अवसर पर मंत्री ने शहरी स्थानीय निकायों के पदाधिकारियों के लिये एक मोबाइल ऐप भी पेश किया। इस ऐप का उद्देश्य रेहड़ी पटरी वाले विक्रेताओं के रिण आवेदन को आगे बढ़ाने के लिये उपयोगकर्ता अनुकूल डिजिटल मंच उपलब्ध कराना है।' इसमें यह भी कहा गया है कि बातचीत के दौरान पुरी ने यह भी कहा कि राज्यों को पारंपरिक ठेला की जगह आधुनिक ठेला गाड़ी खरीदने के लिये रेहड़ी पटरी वालों को मुद्रा/दीनदायल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन रिण जैसी सुविधाएं देने को प्रोत्साहित किया गया, ताकि इन लोगों का आर्थिक उत्थान हो सके।
उन्होंने कहा, 'पुलिस/ नगर निगम अधिकारियों द्वारा रेहड़ी पटरी वालों के उत्पीड़न की स्थिति में जिम्मेदारी तय कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।' पुरी ने यह भी कहा कि लाभार्थियों को एक अनुकूल माहौल में अपनी शिकायतें करने में मदद के लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाला एक मंच गठित किया जाना चाहिए, जिसमें पुलिस/शहरी स्थानीय निकाय और अन्य संबद्ध विभागों का प्रतिनिधित्व हो।
मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री स्वनिधि पोर्टल पर दो जुलाई से ऑनलाइन आवेदनश लिये जाने की शुरूआत होने के बाद से 5.68 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं और विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 1.3 लाख से अधिक लोगों को रिण आवंटित किये गये हैं।