- अमेजन और फ्लिपकार्ट को टक्कर देने की तैयारी में हैं मुकेश अंबानी
- 31 मार्च 2020 तक जियो को कर्ज मुक्त करने की प्लानिंग में है मुकेश अंबानी
- जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री करने के तीन साल में ही अपना दबदबा बना लिया है
नई दिल्ली: देश के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी दिग्गज ई कॉमर्स कंपनियों को टक्कर देने की तैयारी में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश अंबानी 24 अरब डॉलर अपनी डिजिटल होल्डिंग कंपनी में लगाने जा रहे हैं, जो देश में इंटरनेट शॉपिंग के क्षेत्र में उनकी बादशाहत का रास्ता बनाएगी। अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बोर्ड ने 15 अरब डॉलर (लगभग 108 हजार करोड़ रुपए) के निवेश को मंजूरी दे दी है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से जारी एक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि नई इकाई इतना ही निवेश रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड में करेगी और 650 अरब रुपए का पैरेंट इक्विटी अधिग्रहण करेगी। इक्विटी इंफ्यूजन के तहत रिलायंस जियो 108 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडरी की देनदारी ट्रांसफर करेगी। जिससे 31 मार्च 2020 तक जियो कर्ज मुक्त हो जाएगी।
जियो को कर्ज मुक्त करने की है योजना
साल 2016 में 4जी वायरलेस नेटवर्क पर 50 अरब डॉलर खर्च करने के बाद अंबानी अपनी कंपनियों को कर्ज मुक्त करने में लगे हुए हैं। मुकेश अंबानी अगले दो साल में अपनी कंपनियों को कर्ज मुक्त करना चाहते हैं। इस महीने की शुरुआत में चीफ फाइनेंस ऑफिसर वी श्रीकांत ने जानकारी दी थी कि 30 सितंबर को जियो का कर्ज 840 अरब रुपए है।
जियो ने 35 करोड़ उपभोक्ता जोड़ लिए हैं
इसके साथ ही मुकेश अंबानी जियो को पब्लिक ऑफरिंग में लाने की तैयारी में है। लॉन्चिंग के तीन साल में रिलायंस जियो देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई है। जियो ने सस्ते डेटा और फ्री कॉलिंग ऑफर के जरिए देश में 35 करोड़ उपभोक्ताओं को जोड़ लिया है।
मुकेश अंबानी ने अगस्त में जानकारी दी थी कि रिलायंस जियो अगले पांच साल में अपने टेलीकम्यूनिकेशन और रिटेल बिजनेस को लिस्ट करने की तैयारी में है। मुकेश अंबानी इस प्लान के जरिए अमेजन इंडिया और फ्लिपकार्ट को टक्कर देने की तैयारी में हैं।