श्रीहरिकोटा: इसरो के भरोसेमंद रॉकेट पीएसएलवी-सी50 ने गुरुवार को भारत के नवीनतम संचार उपग्रह सीएमएस-01 को कक्षा में स्थापित कर दिया। उपग्रह के जरिए अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समेत भारत के विभिन्न हिस्सों में फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के विस्तारित सी बैंड की सेवाएं मिलेंगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा है कि उपग्रह का जीवन काल सात साल का होगा।
इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन ने कहा, 'PSLV-C50 पूर्वनिर्धारित कक्षा में CMS01 संचार उपग्रह को सफलतापूर्वक स्थापित करता है। सैटेलाइट बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है। टीमों ने बहुत अच्छी तरह से और सुरक्षित रूप से कोविड 19 महामारी की स्थिति में काम किया।'
सीएमएस-01 एक संचार उपग्रह है, जिसका उद्देश्य आवृत्ति स्पेक्ट्रम के विस्तारित-सी बैंड में सेवाएं प्रदान करना है। इस विस्तारित-सी बैंड कवरेज में भारतीय मुख्य भूभाग, अंदमान-निकोबार एवं लक्षद्वीप द्वीप समूह शामिल होगा। सीएमएस-01 भारत का 42वां संचार उपग्रह है। पीएसएलवी-सी50 ‘एक्स एल’ विन्यास (6 स्ट्रैप-ऑन मोटरों के साथ) में पीएसएलवी की 22वीं उड़ान है।
इस साल कोविड-19 महामारी के बीच इसरो के पहले अभियान में पीएसएलवी सी-49 (ईओएस) पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह और नौ अन्य उपग्रहों को सात नवंबर को प्रक्षेपित किया गया था। इसरो के लिए आज का प्रक्षेपण 2020 का अंतिम अभियान है।