WhatsApp ने मंगलवार (12 जनवरी 2021) को कहा कि उसके ताजा पॉलिसीगत बदलावों से मैसेज की गोपनीयता प्रभावित नहीं होती है और इसके साथ ही फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ने यूजर्स के डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताओं को दूर करने की कोशिश की। WhatsApp ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि वह विज्ञापनों के उद्देश्य से यूजर्स की कॉन्टैक्ट लिस्ट या ग्रुप्स के डेटा को फेसबुक के साथ शेयर नहीं करती है और WhatsApp या फेसबुक न तो WhatsApp पर यूजर्स के मैसेज को पढ़ सकते हैं और न ही कॉल सुन सकते हैं।
पिछले हफ्ते WhatsApp ने अपनी सेवा शर्तों और गोपनीयता पॉलिसी में एक बदलाव के बारे में बताया था कि वह किस तरह यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल करती है और किसी तरह फेसबुक के साथ उन्हें शेयर किया जाता है। WhatsApp ने यह भी कहा कि उसकी सेवा का उपयोग जारी रखने के लिए यूजर्स को 8 फरवरी 2021 तक नई शर्तों और पॉलिसी को स्वीकार करना होगा।
इसके बाद WhatsApp द्वारा कथित रूप से फेसबुक के साथ यूजर्स की सूचना शेयर करने को लेकर इंटरनेट पर चर्चा शुरू हो गई और कई लोगों ने टेलीग्राम और सिग्नल जैसे प्रतिस्पर्धी प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया। WhatsApp ने कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि पॉलिसी में बदलाव से किसी भी तरह से दोस्तों या परिवार के साथ आपके मैसेज की गोपनीयता प्रभावित नहीं होगी। इसकी जगह इस बदलाव में व्हाट्सएप पर किसी व्यवसाय को मैसेज देने से संबंधित परिवर्तन शामिल हैं, जो वैकल्पिक है, ये इस बारे में अधिक पारदर्शिता लाते हैं कि हम किस तरह डेटा जमा करते हैं और उपयोग करते हैं।
ब्लॉग में कहा गया कि WhatsApp मैसेजिंग को तेज और विश्वसनीय बनाने के लिए एड्रेस बुक से केवल फोन नंबर (यूजर्स की अनुमति पाने के बाद) तक पहुंचा जाता है और फेसबुक के अन्य ऐप के साथ कॉन्टैक्ट लिस्ट शेयर नहीं की जाती है। साथ ही कहा गया कि विज्ञापनों के लिए फेसबुक के साथ इस डेटा को शेयर नहीं किया जाता है।
इंटरनेट सुरक्षा शोधकर्ता राजशेखर राजाहरिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कम से कम 1,700 निजी WhatsApp ग्रुप के लिंक एक वेब खोज के माध्यम से गूगल पर दिखाई दे रहे थे। गौरतलब है कि महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा और फोनपे के सीईओ समीर निगम सहित कई कारोबारी दिग्गजों ने कहा है कि वे दूसरे प्लेटफॉर्म पर चले जाएंगे।