- Koo भारत का पहला देसी माइक्रो ब्लॉग्गिंग प्लेटफॉर्म है।
- Koo पर हर कोई अपनी भाषा में कंटेंट डाल सकता है।
- Koo पर गृहणियों की तादाद भी हर भाषा में सबसे आगे है
भारत में एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल कंटेंट ने लोगों के दिलों में अलग ही जगह बना ली है। ऐसे में सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर हर दिन नए-नए कलाकार ट्रेंड होते है और रातों रात कोई आम कलाकार 'स्टार' कलाकार बन जाता है। इसी ट्रेंडिंग पोस्ट्स के जरिये न सिर्फ कलाकारों को एक मंच मिला है जहां वे अपना रोजाना टैलेंट दुनिया के सामने रख सके बल्कि अपने हुनर को तराश कर एक बेहतरीन सोच के साथ एक आम जिन्दगी से जुड़े मुद्दों को अपनी कला के जरिये रंग-रूप में ढाल कर समाज के सामने प्रस्तुत भी कर सके।
फिर चाहे फेसबुक (Facebook) हो या फिर यूट्यूब (Youtube), पर आज भारत के लोगों को पहचान दे रहा हैं Koo, भारत के पहला देसी माइक्रो ब्लॉग्गिंग प्लेटफॉर्म जिसने न सिर्फ लोगों को उनकी भाषा में उनकी आवाज बनकर उभारा बल्कि हर छोटे शहर से लेकर गांव की आवाज बन लोगों को अपना हुनर पेश करने का भरपूर मौका भी दे रहा है।
एक्टिंग, सिंगिंग, फनी डायलॉग, डांसिंग, एजुकेशन, कुकिंग, मेकअप, ब्यूटी टिप्स जैसी कई वीडियो (Videos), फोटो (Photos) ऐसे पोस्ट्स मिल जाते हैं जिसके माध्यम से लोगों को अपना टेलेंट व क्रिएटिविटी (Creativity) दिखाने का मौका मिला है और वे पूरा इस मौके को इस्तेमाल कर अपनी क्रिएटिविटी को देश के सामने रख रहे हैं।
ऐसे कई लोग है जिन्होंने महज कुछ महीनो में तकरीबन 20 -30 हजार फोलोअर्स का आकड़ां पार किया है सिर्फ बेहतर और नया कंटेन्ट होने की वजह से वीडियो बनाने वाला पल भर में वायरल भी आसानी से हो जाता है। इसलिए आज कल हर कोई इस तरह के सोशल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता है। इसके साथ साथ आगे आने वाले समय में वो अपने इस हुनर का सही इस्तेमाल कर न सिर्फ अपनी पहचान बना सके बल्कि कमाने का साधन भी सोच सके।
एक खास बात जो देखने को मिली है Koo पर। वह है हर कोई अपनी भाषा में कंटेंट डालता है जिससे की लोकल फ्लेवर कंटेंट में दिखता है और लोकल लोगों से जुड़ने में एक बड़ी भूमिका भी निभाता है। इसी के साथ Koo पर गृहणियों की तादाद भी हर भाषा में सबसे आगे है वे अपने रोज इस तरह से कंटेंट को शेयर करती है की कुछ घंटो में वो ट्रेंड करने लगता है।
आज वर्ल्ड यूथ स्किल्स डे (world Youth Skills Day) है, ये दिन जो हम सबको एहसास दिलाता है क्रिएटिविटी को दबाना नहीं चाहिए बल्कि उसको सभी के सामने रखने में वो कला का स्तर बढ़ाना चाहिए और आज के डिजिटल दौर में कला का प्रदर्शन और एक मंच देने के लिए सोशल मीडिया के अपनी बड़ी भूमिका निभाई है और निभा रहा है। इस मंच का जिस तरह से भी कलाकार इस्तेमाल कर सकते है, वे उनके सपनो की उड़ान से कामयाबी तक के लंबे सफर में अहम और एक मात्र माध्यम बनेगा।