नई दिल्ली : सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (IT) की ओर से सोशल मीडिया के लिए बनाए गए 'ट्रेसबिलिटी' नियम के खिलाफ वाट्सअप ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वाट्सअप ने अपनी शिकायत अर्जी में कहा है कि आईटी विभाग ने के नए नियमों में शामिल 'ट्रेसबिलिटी' के मसले पर उसे आपत्ति है। साथ ही इन नियमों का अनुपालन न करने पर अपने कर्मियों को आपराधिक मामले के दायरे में लाने का प्रावधान का भी वह वरोध करता है। वाट्सअप का कहना है कि उसके प्लेटफॉर्म पर पहली बार पोस्ट डालने वाले व्यक्ति की पहचान का खुलासा करना व्यक्ति के निजता के अधिकार का उल्लंघन है। ऐसे में सरकार को अपने नए नियम से 'ट्रेसबिलिटी' के क्लॉज को हटाना चाहिए। वाट्सअप ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी अर्जी दाखिल की।
सरकार ने गत 25 फरवरी को पेश किया नया नियम
गत 25 फरवरी को सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमेडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 पेश किया। आईटी विशेषज्ञों का कहना है ये नए नियम भारत में इंटरनेट सेवा में बुनियादी रूप से 'बदलाव' करेंगे। बताया जाता है कि इन नियमों को बनाने में लोगों की राय नहीं ली गई है। लोगों को आशंका है कि सरकार सोशल मीडिया पर पोस्ट होने वाले कंटेंट पर 'राजनीतिक सेंसरशिप लगाने' की कोशिश कर रही है। आईटी विभाग ने अपने इन नए नियमों को पालन करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को तीन महीने का समय दिया था जिसकी अवधि 25 मई को समाप्त हो गई। नियमों का अनुपालन न करने पर इन कंपनियों पर अब सरकार कार्रवाई कर सकती है।