- बेहद खास है इस साल का स्वतंत्रता दिवस
- देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है
- आप भी अपने बच्चों के लिए तैयार करें मजेदार भाषण
Independence Day Speech in Hindi 2022 (स्वतंत्रता दिवस पर भाषण हिंदी में 2022): इस साल का स्वतंत्रता दिवस काफी खास होने वाला है। क्योंकि, देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है। सरकार ने भी खास अंदाज में इस दिन को सेलिब्रेट करने का फैसला किया है। अमृत महोत्सव के तहत हर घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की योजना है। इसके लिए काफी जोर-शोर से तैयारी चल रही है। 15 अगस्त पर कई जगहों पर झंडे पहराए जाते हैं और कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। स्कूल से लेकर कार्यालयों तक अलग-अलग अंदाज मे आजादी का जश्न मनता है। इस दौरान लोग आजादी पर जमकर भाषण देते हैं। खासकर, स्कूलों में बच्चों को भाषणा देना अनिवार्य होता है। इतना ही नहीं स्कूलों में भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। तो आप भी अपने बच्चों के लिए भाषण तैयार कर रहे हैं या फिर उनकी तैयारियां करवा रहे हैं, तो ये टिप्स आपके काम आ सकते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण के लिए कुछ मजेदार टिप्स...
- स्वतंत्रता दिवस के भाषण को छोटा रखें, क्योंकि हो सकता है कि बच्चे लंबा भाषण न सीख सकें।
- इसे सरल रखें ताकि बच्चे इसे सीख सकें। स्वतंत्रता दिवस के भाषण को ऐसे शब्दों से न भरें जो बच्चों को याद ना हों।
- भाषण में शामिल सभी तथ्यों पर शोध और क्रॉस-चेक करने के लिए अपना समय लें, ताकि कोई गलती ना हो।
- बच्चों के साथ कई बार भाषण का अभ्यास करें।
इन तथ्यों के साथ भाषण को बनाएं शानदार और जानदार...
- 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली।
- जैसे ही भारत ने आजादी के 75 साल पूरे किए, हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
- भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त, 1947 को दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया। तब से यह एक परंपरा बन गई है, जिसका पालन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है, जिसके बाद राष्ट्र को एक संबोधन होता है।
- हमें महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस और उन लाखों अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को नहीं भूलना चाहिए, जिनके नाम तक ज्ञात नहीं हैं, लेकिन उन्होंने भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए संघर्ष किया।
- भारत का राष्ट्रगान जन गण मन मूल रूप से बंगाली में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा भरोतो भाग्य बिधाता के रूप में रचित था।
- भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री भीमराव अम्बेडकर भारत के संविधान के मुख्य रचयिता हैं।
- भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंगों की तीन धारियां होती हैं। केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतिनिधित्व करता है और सफेद रंग सत्य, शांति और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है। हरा रंग समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि अशोक चक्र धर्म के नियमों का प्रतिनिधित्व करता है।