- हरियाणा में इन दिनों कई शहरों में तुलसी के गमले हो रहे हैं चोरी
- लोगों के घरों से रात को चुराए जा रहे हैं गमले, कई शहरों में सामने आएम मामले
- पंचकूला, गुरुग्राम, रेवाड़ी सहित इस तरह की चोरी की वारदात कई और जगहों पर भी आई सामने
चंडीगढ़: आपने अक्सर चोरी की ऐसी वारदातों के बारे में सुना होगा जहां रुपये-पैसे, सोने के आभूषण या जानवरों की चोरी हुई हो। लेकिन यहां हम आपको चोरी की ऐसी वारदात के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर एक पल के लिए आपको भी यकीन नहीं होगा कि क्या ऐसा हो सकता है? दरअसल हरियाणा के कई शहरों में इन दिनों लोगों के घरों पर लगे तुलसी के गमले लगातार चोरी हो रहे हैं। पंचकूला, गुरुग्राम, चंडीगढ, करनाल, हिसार और फरीदाबाद में इस चरह के मामले सामने आए हैं।
ये है चोरी की वजह
दरअसल देशभर में कोरोना महामारी फैली हुई है और हरियाणा भी इससे अछूता नहीं रहा है। कोरोना के इस दौर में लोग अपनी इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए तरह-तरह के प्रयोग कर रहे हैं जिसमें कई तरह के आयुर्वेदिक उत्पाद शामिल हैं। इसी कड़ी में लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए तुलसी के पौधे भी चुराने लगे हैं। कहा जाता है कि तुलसी से खांसी और कफ को कम करने में सहायता मिलती है। ऐसे में जब लोगों के घर पर लगी तुलसी खत्म हो गई है तो वे फिर दूसरों के यहां हाथ साफ कर रहे हैं।
लगातार हो रही हैं वारदात
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, चंड़ीगढ़ समते प्रदेश के कई हिस्सों से इस तरह के गमलों की चोरी की घटना सामने आई है। यहां सुबर जब लोग उठे तो उन्हें अपने घर की छतों या सीढ़ियों पर रखें तुलसी के गमले गायब मिले। खबर के मुताबिक कई नर्सिरियों में तुलसी ढूंढ के भी नहीं मिल रही है। पंसारी की दुकान में तुलसी के रेट कई गुना बढ़ गए हैं।
तुलसी का महत्व
तुलसी का औषधीय महत्व होने के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी है। भारतीय संस्कृति में तुलसी की पूजा की जाता है। तुलसी को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं। भगवान विष्णु के तुलसी बेहद प्रिय है। तुलसी की पूजा की जाती है। इसके अलावा चंद्रहण, एकादशी या सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते तोड़ना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा तुलसी औषधीय गुणों से भी भरपूर है। इसका उपयोग सर्दी-जुकाम, खॉसी, दंत रोग और श्वास सम्बंधी रोगों के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है। कहा जाता है कि तुलसी के घर में होने से नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं।