- भारत सहित दुनिया के कई देशों में फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है
- इसका संबंध अमेरिका में हुए एक खनन हादसे से भी है, जिसमें 361 लोगों की जान गई थी
- दुनिया के कई अन्य देशों में फादर्स डे अलग-अलग दूसरी तारीखों पर भी मनाया जाता है
नई दिल्ली : दुनियाभर में आज फादर्स डे मनाया जा रहा है। पिता के प्यार, त्याग को समर्पित यह खास दिन बीती एक सदी से भी अधिक समय से मनाया जा रहा है। यूं तो इस अवधारणा की शुरुआत का श्रेय आम तौर पर वॉशिंगटन के स्पोकेन शहर की सोनोरा स्मार्ट डॉड को दिया जाता है और कहा जाता है कि इसकी प्रेरणा उसे 1909 में मदर्स डे से मिली थी। लेकिन फादर्स की शुरुआत को लेकर कई अन्य तरह की कई अन्य तरह के मत भी हैं, जिनमें से एक यह भी है कि इसका संबंध अमेरिका में साल 1907 में हुए एक खनन हादसे से है, जिसमें जान गंवाने वाले तकरीबन 250 पुरुष ऐसे थे, जो किसी न किसी के पिता थे और इस हादसे में उनकी मौत ने उनके परिवार व बच्चों को तोड़कर रख दिया। इस मत के अनुसार, तभी से फादर्स डे मनाए जाने की शुरुआत हुई।
वर्जीनिया में हुआ था हादसा
यह खनन हादसा दिसंबर 1907 में वेस्ट वर्जीनिया के मोनोगाह में हुआ था, जिसमें 361 पुरुषों की जान गई थी। इनमें से 250 पुरुष बाल-बच्चेदार थे, जिनके निधान ने उनके परिवार को गहरा आघात लगाया। जिन लोगों ने इस हादसे में अपने पिताओं को खोया था, उनमें ग्रेस गोल्डन क्लेटन भी थी। बताया जाता है कि 5 जुलाई 1908 को वह वेस्ट वर्जीनियाके विलियम्स मेमोरियल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च साउथ, जो अब सेंट्रल यूनाइटेड मेथोडिस्ट चर्च, के तौर पर जाना जाता है, में अपने दिवंगत पिता के लिए प्रर्थना कर रही थीं, जब उन्होंने पादरी रॉबर्ट थॉमस वेब के सामने यह प्रस्ताव रखा कि उन्हें उन सभी पिताओं को सम्मान देना चाहिए, जिनकी मौत ने उनके बच्चों के सिर से पिता का साया छीन लिया है। क्लेटन ने इसके लिए अपने पिता की जन्मतिथि के आसपास पड़ने वाले रविवार का दिन चुना और यहीं से फादर्स डे की शुरुआत हुई।
मदर्स डे की तर्ज पर फादर्स डे
वहीं, जिस सोनोरा स्मार्ट डॉड को फादर्स डे की अवधारणा का श्रेय आम तौर पर दिया जाता है, उसके बारे में मशहूर है कि उन्हें इसकी प्रेरणा 1909 में मदर्स डे से मिली थी। चर्च में धार्मिक उपदेश के दौरान उन्हें जानने का मौका मिला कि कैसे अन्ना जार्विस ने 1907 में अपनी मां के सम्मान में मदर्स डे मनाने की पहल की थी। इसके बाद ही उन्होंने सोचा कि अगर मदर्स डे हो सकता है तो फादर्स डे क्यों नहीं? उन्होंने अपने सिंगल पैरेंट पिता के सम्मान में फादर्स डे के लिए पहल की, जिन्होंने अकेले ही अपने 6 बच्चों की परिवरिश की थी। उन्होंने इसके लिए अपने पिता की जन्मतिथि 5 जून को चुना। फिर आगे चलकर जून के तीसरे रविवार को यह खास दिन मनाने की परंपरा शुरू हुई। यह खास दिन आज पूरी दुनिया में मानाया जा रहा है, जब बच्चे अपने पिता के प्रति प्यार और सम्मान को प्रदर्शित करते हैं।
यहां अलग तारीखों पर मनाया जाता है ये खास दिन
आज फादर्स डे भारत सहित दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। यह खास दिन जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है और इस लिहाज से इस बार 20 जून को फादर्स डे मनाया जा रहा है। हालांकि दुनिया के कई देशों में फादर्स डे को अलग-अलग दिनों में भी मनाया जाता है। पुर्तगाल, स्पेन, क्रोएशिया, इटली जैसे कैथोलिक यूरोपीय देशों में फादर्स डे 19 मार्च को मनाया जाता है। वहीं ऑस्ट्रेलिया में फादर्स डे सितंबर माह के पहले रविवार को मनाया जाता है। नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड में फादर्स डे नवंबर माह के दूसरे रविवार का मनाया जाता है, जबकि रूस में फादर्स डे 23 फरवरी को मनाया जाता है। थाईलैंड में फादर्स डे 5 दिसंबर को दिवंगत राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्हें यहां राष्ट्रपिता के तौर पर सम्मान दिया जाता है। इस दौरान लोग यहां पीले परिधान पहनते हैं।