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खुशखबरी! यूपी के सोनभद्र में मिला सोने का विशाल भंडार, जल्द शुरू होगी खुदाई

Gold deposits (Sona ka Bhandaar) found in UP's Sonbhadra
Updated Feb 21, 2020 | 12:56 IST

Sona ka Bhandaar: उत्तर प्रदेश की धरती अब सोना उगलने लगी है। सोनभद्र जिले में सोने का विशाल भंडार मिला है। 

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Gold deposits (Sona ka Bhandaar) found in UP's SonbhadraGold deposits (Sona ka Bhandaar) found in UP's Sonbhadra
तस्वीर साभार:&nbspANI
यूपी के सोनभद्र में मिला सोना खजाना
मुख्य बातें
  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वे (जीएसआई), उत्तर प्रदेश भूविज्ञान और खनन निदेशालय को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में सोने के विशाल भंडार मिले हैं
  • सोनापहाड़ी में 2700 मिलियन टन सोना जबकि 650 मिलियन टन हरदी इलाके में होने का अनुमान है
  • खुदाई के लिए 7 सदस्यीय टीम बनाई गई है

सोनभद्र : उत्तर प्रदेश में सोनभद्र की धरती सोना उगल रही है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वे (जीएसआई), उत्तर प्रदेश भूविज्ञान और खनन निदेशालय को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में सोने (Gold) के विशाल भंडार मिले हैं। जिला खनन अधिकारी केके राय ने एएनआई को बताया कि सरकार खनन के लिए सोने के भंडार की खुदाई के लिए पट्टे पर देने के बारे में सोच रही है। सर्वे किया जा रहा है। सोने का भंडार दो स्थानों पर पाया गया है। सोनापहाड़ी और हरदी इलाके में। जीएसआई ने सोनापहाड़ी में 2700 मिलियन टन सोना पाए जाने अनुमान लगाया है जबकि 650 मिलियन टन हरदी इलाके में होने का अनुमान है। प्रशासन ने ई-टेंडरिंग के जरिए ब्लॉकों की नीलामी के लिए 7 सदस्यीय टीम बनाई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब साढ़े 3 हजार टन सोना अयस्क जीएसआई को मिला है। इससे करीब 1500 टन सोना बनाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि जिले के अन्य स्थानों पर भी लोहा, पोटाश, सिलिमेनाइट और ऑल्यूसिट कॉम्पोनेंट पाए गए हैं। इस तरह, जीएसआई ने सोने के अयस्क के साथ-साथ लगभग 90 टन अंडलुसाइट, 9 टन पोटाश, 15 टन लौह अयस्क और 10 मिलियन टन सिलमीनाइट के भंडार की खोज की है। भूविज्ञान और खनन निदेशालय ने भी खनिजों की नीलामी के आदेश दिए हैं।

खनन अधिकारी केके राय ने जानकारी देते हुए कहा कि इन खनिज स्थलों को जियो टैगिंग करने के लिए 7 सदस्यों की एक टीम बनाई गई है, जो 22 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट खनन निदेशक को सौंपेगी। इसके बाद, राज्य को जिम्मेदारी सौंपकर ई-टेंडर जारी करने के निर्देश जारी किए जा सकते हैं। ई-टेंडर स्वीकृत होने के बाद ही खनन की अनुमति दी जाएगी।