कोझिकोड़: पलक्कड़ के पट्टांबी के एक निजी अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार एक कोविड पॉजिटिव मुस्लिम मरीज के लिए इस्लामिक प्रार्थना करने वाली डॉक्टर की हर तरफ प्रशंसा हो रही है। कोविड मरीज जो कोविड निमोनिया से पीड़ित थी, वह दो हफ्ते से भी अधिक समय तक वेंटिलेटर पर रही थी और उसके रिश्तेदारों को आईसीयू में जाने की अनुमति नहीं थी।
हालत बिगड़ने पर की प्रार्थना
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सेवाना अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में कार्यरत डॉ रेखा कृष्णा ने बताया, 'मरीज की हालत बिगड़ने के बाद उसे 17 मई को वेंटिलेटर से बाहर निकाला गया था। जैसा कि डॉक्टरों को लगा कि ऐसी स्थिति में उनके बचने के आसार बहुत कम है। हमने रिश्तेदारों को स्थिति की जानकारी दी। जैसे ही मैं उसके पास पहुँची, मुझे लगा कि उसे कुछ समस्या हो रही है। फिर, मैंने धीरे-धीरे उसके कानों में कलिमा (ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदुर रसूलुल्ला) सुनाया तो मैंने उसे कुछ गहरी साँस लेते हुए देखा और फिर दुनिया से चली गई।'
समझाया अर्थ
अरबी जानने वाली डॉ. रेखा ने इसके अर्थ को पूरी तरह से समझते हुए यह प्रेयर की। रेखा बताती हैं, 'इसका मतलब है कि अल्लाह के अलावा कोई और भगवान नहीं है और मुहम्मद उसके पैगंबर हैं।' डॉ. रेखा ने कोविड -19 के समय के असाधारण अनुभव बताते हुए अस्पताल में एक साथी डॉक्टर के साथ हुई घटना को साझा किया। हालांकि, घटना के बाद डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर इसके बारे में एक पोस्ट लिखा। यह पोस्ट बाद में वायरल हो गई।
हो रही है तारीफ
सुन्नी विद्वान अब्दुल हमीद फैजी अंबालाक्कदावु ने सोशल मीडिया पर डॉक्टर रेखा की तारीफ करते हुए लिखा, 'खबर दिल को छू लेने वाली है, खासकर ऐसे समय में जब लोगों को उनके धर्म के कारण पीट-पीट कर मार डाला जाता है। डॉक्टर ने देश के लिए एक नई मिसाल कायम की है।'