- ओडिशा के मयूरभंज में कोरोना संक्रमितों के शव के अंतिम क्रियाकर्म से इनकार
- ओडिशा पुलिस अंतिम संस्कार के लिए सामने आई
देश इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। पहले की तुलना में अब केस की संख्या घट रही है। लेकिन मौतों के आंकड़े डराने वाले हैं। इस समय देश में कोई न कोई परिवार अपनों को खो रहा है तो रिश्तों की परख भी हो रही है। कोरोना का भय रिश्तों पर भारी पड़ रहा है। लोग अपने ही सगे संबंधियों को कोरोना से हुई मौत के बाद बेगाना कर दे रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला ओडिशा के मयूरभंज में सामने आया।
ओडिशा के मयूरभंज की कहानी
खुंटा पीएस के प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि ओडिशा के मयूरभंज में, परिवार ने डर के कारण उन्हें छूने से इनकार करने के बाद पुलिस ने 2 कोरोना संक्रमित शवों को दफन कर दिया। "मनोरंजन बेहरा और रेणुवाला खटुआ के परिवारों ने उनका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। हम उन्हें उनके घरों से ले गए और उन्हें दफन कर दिया। इस तरह की जानकारी सामने आने के बाद सबसे बड़ी समस्या यह थी कि बॉडी का अंतिम संस्कार किस तरह किया जाए। लेकिन शवों के अंतिम संस्कार के लिए वो लोग सामने आए जिनका मृतकों से किसी तरह का नाता नहीं था।
क्या कहते हैं जानकार
जानकार कहते हैं कि रिश्तों के टेस्टिंग की यह दास्तां सिर्फ ओडिशा की नहीं है। देश के अलग अलग सूबों से दिल को झकझोर देने वाली खबरें आती रहती हैं। दरअसल कोरोना संक्रमण का खतरा इस कदर है कि अब अपने भी मान लेते हैं कि मृतक शख्स की जिंदगी उतनी ही थी। लिहाजा अब उनके साथ मेलजोल की जरूरत नहीं है। 20वीं सदी में जब हैजा या तावन ने दस्तक दी थी तो कुछ इसी तरह के हालात उस समय भी थे। लोगों को लगता था कि संक्रमित शख्स के संपर्क में आने के बाद उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान झेलना होगा और ज्यादातर लोगों की मौत अवसाद की वजह से हो गई।