- जन्म से 4 साल के बच्चे को मिला सिर्फ एक ही पैर
- कम नहीं होने दिया जीवन का उत्साह, फुटबॉल खेलने से है प्यार
- मां बोली- उसने खुद साइकिल सीखी और फुटबॉल भी खेलता है
मुंबई: चुनौतियों और शारीरिक कमी को अंगूठा दिखाते हुए 4 साल के कुणाल श्रेष्ठा लोगों के सामने मिसाल कायम कर रहे हैं। मणिपुर में इम्फाल का यह बच्चा जन्म से ही बच्चे का एक पैर नहीं है लेकिन कभी ना तो उसके माता-पिता ने बच्चे में कोई कमी देखी और न ही कुणाल खुद को दूसरे बच्चों से कभी पीछे रहने दिया। वह साइकिल चलाते हैं, फुटबॉल खेलते हैं और ठीक वैसे ही जिंदगी की आंख में आंख डालकर उसका आनंद ले रहे हैं, जैसा कि कोई दूसरा बच्चा।
न्यूज एजेंसी एएनआई पर कुछ जानकारी के साथ इस बच्चे का एक वीडियो सामने आया है जहां 4 वर्षीय दूसरे कई बच्चों के साथ पूरे उत्साह से फुटबॉल खेलते हुए नजर आ रहा है। जब कुणाल से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, 'मुझे फुटबॉल खेलने से प्यार है। मुझे संतुलन करने में थोड़ी परेशानी आती थी। मैं डरा हुआ था लेकिन अब मेरे अंदर आत्मविश्वास आ गया है। मेरे दोस्तों ने भी मेरा खूब समर्थन किया। मुझे लगता है मैं जल्द खेल में गोल करूंगा।'
मां ने खाई ये कसम....
कुणाल की मां ने इस बारे में बात करते हुए कहा, 'मेरा बच्चा एक पैर के बिना पैदा हुआ। मैंने कसम खाई कि कभी उसे उसकी उम्र के दूसरे बच्चों से कम नहीं महसूस होने दूंगी। उसने खुद भी कभी किसी से कम होने जैसा व्यवहार नहीं किया। उसने खुद से साइकिल चलाना भी सीखा है।' देखें 4 वर्षीय बच्चे के फुटबॉल खेलने का वीडियो।
अक्सर इस तरह की प्रेरक कहानियां देश और पूरी दुनिया के कोने कोने से सामने आती रहती हैं, जब जीवन ने कई चुनौतियों किसी व्यक्ति की ओर उछालीं लेकिन वह इंसान उनसे पार पाते हुए लोगों के बीच उदाहरण बनकर चमका। कुणाल श्रेष्ठा का नाम ऐसे ही कुछ बच्चों में शुमार है।