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देश की आन-बान और शान है हमारा तिरंगा, देखिए इन तस्वीरों में तिरंगे की कहानी

Updated Aug 14, 2020 | 22:48 IST

Story of indian tricolor: भारतीय तिरंगा सिर्फ तीन रंगों का झंडा नहीं है बल्कि यह आजादी के उस सफर का गवाह है जो हमें कितने संघर्षों के बाद मिली है।

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तस्वीर साभार:&nbspTimes Now
भारतीय तिरंगा
मुख्य बातें
  • केसरिया रंग जहां शक्ति का प्रतीक है
  • सफेद रंग शांति को दर्शाता है
  • हरा रंग हरियाली और संपन्नता को दिखाता है

नई दिल्ली: 15 अगस्त 2020 को देश 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। शनिवार को लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराएंगे। तीन रंगों में बना हमारा तिरंगा देश की एक एकता, अखंडता की पहचान है। यह कश्मीर से कन्याकुमारी और राजस्थान से पूर्वोत्तर को एक सूत्र में बांधता है। देश में अनकेता और विभिन्नता के बावजूद यही वह प्रतीक है जो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, अमीर-गरीब को एक साथ लाता है। हमारे तिरंगे की सबसे बड़ी पहचान है जो एकता का प्रतीक है और तिरंगे में तीन केसरिया, सफेद और हरे रंग होते हैं जो बहुत कुछ कहता है।

तिरंगे के तीन रंगों की खासियत क्या है

  1. केसरिया रंग जहां शक्ति का प्रतीक है। 
  2. सफेद रंग शांति को दर्शाता है। 
  3. हरा रंग हरियाली और संपन्नता को दिखाता है। 
  4. झंडे के बीच में नीले रंग का चक्र होता है।
  5. नीले रंग का चक्र जीवन में गतिशीलता को दर्शाता है।
  6. इसकी तीलियां धर्म के 24 नियम बताती है। 
  7. भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के रंगों की तरह इसकी बनावट भी खास है। 
  8. झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 2:3 होता है।


पहले राजकीय जगहों को छोड़कर किसी और स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं थी। 26 जनवरी 2002 में ध्वज संहिता में संशोधन किया गया। अब कोई भी भारतीय नागरिक घरों, कार्यालयों और फैक्टरियों में कभी भी राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकते हैं। देश का सबसे पहला राष्ट्रीय ध्वज वर्ष 1906 में बना। इसे कोलकाता के बागान चौक में फहराया गया था। इसमें केसरिया, पीला और हरा रंग था। इसमें आधे खिले कमल के फूल बने थे। साथ ही वंदे मातरम लिखा हुआ था।  

 गौर ह कि भारतीय संविधान सभी में इसे 22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर स्वीकृति मिली। संविधान सभा में स्वीकृति मिलने के बाद सबसे पहला राष्ट्रीय ध्वज 16 अगस्त 1947 को लाल किले पर फहराया गया। झंडे को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने फहराया था।

तिरंगे के कुछ स्लोगन

आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान है !

कुछ तो बात है मेरे देश की मिट्टी में साहेब,
सरहदें कूद के आते हैं यहां दफ़न होने के लिए।

कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है !!

ना पूछो ज़माने को,
क्या हमारी कहानी हैं
हमारी पहचान तो सिर्फ ये हैं
की हम सिर्फ हिंदुस्तानी हैं।

दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं..!

हल्की सी धूप बरसात के बाद,
थोरी सी खुशी हर बात के बाद,
इसी तरह मुबारक हो आप को,
जशन-ए-आज़ादी 1 दिन के बाद.

रिश्ता हमारा ऐसे ना तोड़ पाए कोई,
दिल हमारे एक है एक है हमारी जान।
हिन्दुस्तान हमारा है हम है इसकी शान,
जान लूटा देंगे वतन पे हो जाएँगे क़ुरबान।
इसलिए हम कहते है मेरा देश महान।

चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर ले,
जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे
देशभक्तो के खून की वो धारा याद कर ले।