- आर्मी डॉग्स अपनी अलग पहचान रखते हैं ये संदिग्ध व्यक्ति की सूंघकर शिनाख्त कर लेते हैं
- सेना ने आर्मी डॉग्स के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ ऑडियो-वीडियो निगरानी प्रणाली विकसित की है
- भारतीय सेना जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों का प्रयोग खास उद्देश्यों के लिए करती है
नई दिल्ली: सेना के प्रशिक्षित कुत्ते (Army dogs) अक्सर ही सेना के अहम ऑपरेशन्स का हिस्सा रहते हैं और इसके लिए उनका खासा ध्यान रखा जाता है, इसके लिए सेना की डॉग स्क्वाड यूनिट (Army Dog Unit) काम करती है और इन कुत्तों को प्रशिक्षित किया जाता है ताकि जरुरत पड़ने पर उनसे काम लिया जा सके।
सेना के कुत्ते अपनी खास पहचान रखते हैं ये संदिग्ध व्यक्ति की सूंघकर शिनाख्त कर लेते हैं वहीं ये अपनी सूंघने की क्षमता से जमीन और माइन्स में छिपाकर रखे गए विस्फोटकों का पता लगाते हैं।
आर्मी डॉग यूनिट के हेड लेफ्टिनेंट कर्नल वी कमल राज ने ऑपरेशनल उद्देश्य के लिए आर्मी डॉग्स के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट(Bullet Proof Jacket) के साथ ऑडियो-वीडियो निगरानी प्रणाली विकसित की है। वी कमल राज कहते हैं, "हम अपने सेना के कुत्तों को अनेकों उद्देश्यों के लिए प्रशिक्षित करते हैं, उन्हें सुरक्षा देना हमारी पूरी ज़िम्मेदारी है।"
विपरीत परिस्थितियों में जब वायरलेस का उपयोग करना कठिन होता ऐसे में ये सर्विलांस खासी काम आएगी, इन्हें सीक्रेट एजेंट की तरह काम करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
गौरतलब है कि भारतीय सेना जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों का प्रयोग खास उद्देश्यों के लिए करती है वहीं आपदा के समय में भी मलबे में इंसानों की तलाश में ये कुत्ते महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।