जम्मू कश्मीर में सेना आतंकियों का सफाया कर रही है और घाटी में आतंक पर भारी चोट की है जिससे आतंकियों के कदम उखड़ रहे हैं और आतंकियों की तादात घट रही है। आतंकी इससे बौखलाए हुए हैं और युवाओं को बरगलाकर नई नई भर्तियां करने की जुगत में लगे हैं।
वहीं जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के नूरपोरा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियो के बीच मुठभेड़ हुई इस एनकाउंटर में एक आतंकी मारा गया जबकि दूसरे आतंकी ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
सरेंडर करने वाला आतंकी के आत्मसमपर्ण के बाद सेना ने उसकी कहानी जानी तो पता चला कि वो बीटेक कर रहा था,और कोरोना संकट के दौरान घर आया था और एक दोस्त द्वारा आतंकवाद में शामिल होने के लिए गुमराह किया गया था। वह अपने घर से 25 सितंबर से गायब था, मगर अब सरेंडर के बाद उसकी बैकग्राउंड और उसकी पढ़ाई को देखते हुए सेना ने उसकी घर वापसी का कदम उठाया।
भारतीय सेना राह से भटके युवाओं को परिवार में वापस लाने के प्रयास में, गुमराह युवाओं को हिंसा का रास्ता दिखाने और मुख्यधारा के समाज में लौटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रही है, इस मामले में भी ऐसा हुआ आतंकी साजिद के परिवार वाले उससे मिले तो नजारा खासा भावुक करने वाला था।
इससे पहले सुरक्षा बलों ने आत्मसमर्पण के लिए घोषणा की और दूसरा आतंकवादी उसका जवाब देकर बाहर आया। उन्होंने अपने फेरन (पारंपरिक वस्त्र) को यह दिखाने के लिए बंद कर दिया कि वह एक हथियार नहीं चला रहा था और पकड़ा गया था उसका हथियार बाद में मौके से बरामद किया गया था।