- सर्विलांस संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकवादियों के मंसूबे किए नाकाम
- जम्मू-कश्नीर के केरन सेक्टर में पीओके से तस्करी के हथियार किए गए बरामद
- पाक अधिकृत कश्मीर में फिलहाल मौजूद हैं आतंकियों के 250-300 लॉन्च पैड्स
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर सेना ने पुलिस के साथ मिलकर पाकिस्तान द्वारा भेजे गए आतंकियों के मसूंबों को नाकाम कर दिया है। ये आतंकी किशनगंगा नदी के सहारे जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की मदद के लिए हथियारों की सप्लाई का प्रयास कर रहे थे। जैसे ही सेना को इन आतंकियों के मूवमेंट की भनक लगी तो वह अर्लट हो गई और राज्य पुलिस के साथ मिलकर एक ऑपरेशन चलाया। इस दौरान बड़ी मात्रा में आतंकियों के हथियार और गोलाबारूद को बरामद किया गया है।
सेना ने ऐसे लगाया पता
आर्मी सूत्रों का कहना है कि उत्तरी कश्मीर के केरन सेक्टर में तैनात भारतीय सेना ने कल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से हथियारों की तस्करी वाला पाकिस्तान सेना द्वारा समर्थित आतंकवादियों के एक प्रयास को विफल कर दिया है। इस दौरान चार एके 74 राइफल, आठ मैगजीन, 240 एके राइफल बरामद किए गए हैं। दरअसल भारतीय सेना ने सर्विलांस की बदौलत किशन गंगा नदी के तट पर आतंकियों की आवाजाही का पता लगाया जो वीडियो में कैमरे में कैद हो गया था। इसके तुरंत बाद जम्मू- कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान शुरू किया गया। इस दौरान दो-तीन आतंकवादी नदी के दूर किनारे से रस्सी से बंधे ट्यूब में कुछ सामान ट्रांसपोर्ट करने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान सेना के जवान वहां पहुंचे और हथियारों को जब्त कर लिया।
250-300 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार
जीओसी चिनार कॉर्प्स के लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा, 'हमारे सतर्क सैनिकों ने निगरानी उपकरणों का उपयोग करते हुए, पाकिस्तान द्वारा तस्करी कर लाए जा रहे हथियारों की एक खेप को पकड़ा है। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान के इरादे अब भी वैसे ही हैं। हम भविष्य में भी उनके बुरे इरादों से जूझते रहेंगे। हमारी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तानी सीमा पर लॉन्चपैड पर लगभग 250-300 आतंकवादी हैं। हम उन्हें उनके घुसपैठ के नियमित प्रयासों के बावजूद यहां दाखिल होने से रोकने में कामयाब रहे हैं।'
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने बताया, 'इस साल, हम घुसपैठ को काफी हद तक नाकाम करने में सफल रहे हैं। पिछले साल घुसपैठ का आंकड़ा (पाकिस्तान से) 130 के आसपास था, इस साल यह 30 से कम है। मेरा मानना है कि इससे आंतरिक स्थिति को भी सुधारने में मदद मिलेगी।'