नई दिल्ली: इंसान कई कामों को इस तरह देखता है, जिन्हें सिर्फ मर्द कर सकते हैं या कुछ काम ऐसे होते हैं, जिन्हें सिर्फ महिलाएं कर सकती हैं। लेकिन तेलंगाना के कोठागुडेम के सुजाता नगर में रहने वाली आदिलक्ष्मी जो काम कर रही हैं, उसे अक्सर मर्द ही करते हैं। वो एक ट्रक मैकेनिक हैं। 30 साल की आदिलक्ष्मी अपने पति की ऑटोमोबाइल रिपेयर शॉप में काम करती हैं। वह तेलंगाना की इकलौती महिला मैकेनिक हैं।
'इंडिया टुडे' की खबर के अनुसार, 2 बच्चों की मां आदिलक्ष्मी 2 पहिया वाहनों से लेकर ट्रक के टायर और कैरियर बदलने तक सब कुछ करती हैं। आदिलक्ष्मी और वीरभद्रम ने 2010 में शादी की थी, जिसके तुरंत बाद वे एक बेहतर आजीविका की तलाश में सुजाता नगर चले गए।
वेल्डिंग से आंखों पर पड़ा असर
दोनों ने बाद में एक मैकेनिक और वेल्डिंग की दुकान खोल ली। आदिलक्ष्मी ने पति की मदद करने के लिए काम सीखना शुरू किया और अब वह एक एक्सपर्ट मैकेनिक हैं। उनका कहना है कि अब वो अपने आप ही पंचर जोड़ना समेत कई काम कर लेती हैं। हालांकि शुरुआत में यह कठिन लग रहा था। अब इनकी दुकान चौबीसों घंटे खुलती है। आदिलक्ष्मी एक विशेषज्ञ वेल्डर भी हैं, लेकिन उस काम ने उनकी आंखों की रोशनी को प्रभावित किया है। आंखों की रोशनी ठीक करने के लिए उन्हें भारी रकम खर्च करनी पड़ी। उन्होंने बताया, 'चूंकि मेरी आंखें वेल्डिंग की चमक को बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं, इसलिए मैंने वह काम करना बंद कर दिया।'
पति ने की खूब तारीफ
आदिलक्ष्मी एक महिला के रूप में इसका एक आदर्श उदाहरण हैं जो अपने काम और घर के बीच संतुलन बनाती है, और इस प्रक्रिया में अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन का निर्माण करती है। उनके पति वीरभद्रम भी अपनी पत्नी के काम से खुश है। उनका कहना है, 'मेरे पास परिवार की भलाई के लिए उसके योगदान का वर्णन करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं। मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि मैं उसे अपनी पत्नी के रूप में पाकर सौभाग्यशाली हूं।