- गया के किसान लौंगी भुइंया का ख्वाब शनिवार को पूरा हो गया।
- महिंद्रा कंपनी ने उन्हें एक ट्रैक्टर (Mahindra Tractor) गिफ्ट किया है
- लौंगी भुइंया ने गांव तक पानी लाने के लिए 20 साल की मेहनत से 3 किलोमीटर नहर खोद डाली थी
गया: बिहार के गया जिले के एक सुदूरवर्ती गांव में 20 साल तक कठिन परिश्रम कर नहर खोदकर पानी पहुंचाने वाले लौंगी भुइंया (Laungi Bhuiyan) का ख्वाब पूरा हो गया। महिंद्रा कंपनी ने उन्हें एक ट्रैक्टर (Mahindra Tractor) गिफ्ट किया। गया के महिंद्रा ट्रैक्टर्स के अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर सिद्धार्थ ट्रैक्टर के प्रबंध निदेशक सिद्धनाथ ने लौंगी भुइंया को अपने शोरूम से एक ट्रैक्टर भेंट कर उनके सपने को पूरा किया।
महिंद्रा के बिहार राज्य प्रमुख आशीष श्रीवास्तव ने कहा, 'महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट के माध्यम से लौंगी मांझी को ट्रैक्टर देने का वायदा किया था, जिसे तुरंत पूरा किया गया। यह हमारा सौभाग्य है कि लौंगी मांझी जैसे कर्मयोद्धा अब महिंद्रा ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर पइन के बचे हुए कार्य को पूरा करेंगे।'
उन्होंने कहा कि लौंगी जैसे कर्मठ व्यक्ति समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।इधर, लौंगी मांझी भी ट्रैक्टर पाकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि अब आगे का काम ट्रैक्टर की मदद से आसानी और तेजी से कर सकेंगे।
गया के बांके बाजार के कोठिलवा गांव के लौंगी भुइंया ने गांव तक पानी लाने के लिए 20 साल की मेहनत से पांच किलोमीटर नहर खोद डाली है। उन्होंने नहर खोदने के बाद अपनी इच्छा जताते हुए कहा था कि अगर ट्रैक्टर मिल जाए तो इस पइन को और चौड़ा कर वह खेतों में भी पानी ले जा सकेंगे।
इस नहर से तीन गांव के 3000 हजार लोगों को फायदा मिल रहा है
बताते है कि बारिश के मौसम में पहाड़ों से गिरने वाला पानी नदी में बह जाता था, यह बात भुइयां को दिखती थी और उन्हें लगता था कि यह पानी अगर खेतों में आ सके तो इससे गांववालों की कितनी मदद होगी, इसी बात को मन में रखकर वो अकेले ही नहर खोदने के काम में जुट गए।
लौंगी भुईयां ने कहा- कुछ लोग मुझे पागल समझने लगे थे
लौंगी भुईयां ने बताया कि उनके घरवाले सभी लोग मना करते थे कि बिना मजदूरी वाला काम क्यों कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग मुझे पागल समझने लगे थे, कहते थे कि कुछ नहीं होने वाला है. लेकिन आज जब नहर का काम पूरा हुआ और उसमें पानी आया तो सभी मेरी प्रशंसा कर रहे हैं, ऐसे ही बिहार के दशरथ राम मांझी थे जिन्होंने एक पहाड़ को काटकर सड़क बना दी थी, इसलिए लोग आज उन्हें बिहार के माउंटैन मैन के रूप में भी जानते हैं।
लौंगी भुइंया ने गया जिले के 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी की याद दिला दी
लौंगी भुइंया ने अपने काम के प्रति समर्पण और जिद को लेकर अपने ही गया जिले के 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी की याद दिला दी, जिसने 22 साल तक कड़ी मेहनत कर एक पहाड़ को चीरकर अपने गांव के लिए सड़क बना दी थी। भुइंया ने बताया कि जब सूखे की मार के कारण गांव के युवाओं को बाहर जाते देखा तो उन्हें पीड़ा हुई और उन्होंने यह काम करने की ठानी थी। पथरीले और पहाडी क्षेत्र होने के कारण यहां सिंचाई के लिए बारिश का पानी रुक नहीं पाता था। गांव में खेती के अलावा रोजगार का कोई साधन नहीं था। लोगों के पलायन को देखकर मांझी ने नहर बनाने को ठानी। मांझी ने 20 साल तक लगातार काम करने के बाद चार फीट चौड़ी और तीन फीट गहरी नहर खोद ली। इसके लिए उन्होंने पारंपरिक उपकरणों का इस्तेमाल किया।