उत्तराखंड में बीते रविवार को ग्लेशियर फटने के कारण आई आपदा में अब तक कई शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 150 से अधिक लोग अब भी लापता हैं अपनों की तलाश के लिए परिजनों की आशा भरी आंखें अभियान पर लगी हुई हैं कि वहां से कोई सूचना आए और उनके खोए परिजन उन्हें सही सलामत मिल जाएं। इंसान ही नहीं इस आपदा में जानवरों को भी खासी हानि हुई है ऐसे ही तपोवन टनल के पास एक डॉगी भी अपने पपी की तलाश में लगा हुआ है लेकिन उसके बच्चे अभी तक नहीं मिले हैं।
अब तक चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों से कुल 54 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 150 अन्य अभी भी लापता हैं।पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से फंसे 25-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में सेना सहित विभिन्न एजेंसियों का संयुक्त बचाव और तलाश अभियान चल रहा है।
मलबे और गाद से भरी तपोवन सुरंग से अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं रविवार को सुरंग से छह शव बरामद किए गए थे वहीं तपोवन टनल के पास एक डॉगी अपने तीन मासूम पपी के साथ रह रहा था कि अचानक ये बड़ा दर्दनाक हादसा सामने आ गया।
इस आपदा के बाद से ही उसके तीन पपी लापता हैं लोगों का कहना है कि इस हादसे में उसके पपी नहीं रहे लेकिन ये बात सही है या कहीं उसके पपी फंसे हैं ये तो साफ नहीं हैं लेकिन उनकी तलाश में ये मां बराबर राहत कार्य पर नजर रखे हुए है।
बताया जा रहा है कि आपदा के बाद से ही इस बेजुबान मां का दर्द सिर्फ महसूस किया जा सकता है, वो रेस्क्यू साइट के पास बैठी रहती है, वहां जम चुके मलबे और कीचड़ में अपने बच्चों को सूंघती है और बार-बार राहत कार्य में लगी टीम के लोगों की तरफ़ देखती रहती है कि शायद उसके बच्चों का पता लग जाए।
कहा जा रहा है कि उसने हादसे के दिन से कुछ नहीं खाया है जब लोगों ने उसे खाना खिलाने की कोशिश की लेकिन उसने कुछ खाया नहीं बल्कि मुंह फेर लिया लोग इसे देखतक खासे दुखी हैं।
ऐसे ही एक और कुत्ते का मामला भी यहां सामने आया है बताते हैं कि गांव का एक व्यक्ति घटना के दिन से लापता है अब इस शख्स का कुत्ता उसे ढूंढते हुए तपोवन टनल के बाहर खड़ा है और उसके आने का इंतज़ार कर रहा है, कुत्ता यहां अपने मालिक को गंध सूंघ रहा है लेकिन उसे भी नाकामी ही मिल रही है।