- 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा में हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए
- इस हिंसक झड़प में कई सैनिक घायल भी हुए
- हमारे सशस्त्र बलों ने जो अनुकरणीय बहादुरी दिखाई है: प्रधानमंत्री
नई दिल्ली: 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की हिंसक झड़प हुई। इसमें 20 सैनिक शहीद हो गए और कई घायल हुए। इन्हीं जवानों की वीरता पर कवि फुंसुक लद्दाखी ने कविता सुनाई है।
इस कविता का कुछ लाइनें इस तरह हैं-
खाके, खाके हां खाके सौगंध मिट्टी की
पीके, पीके हां पीके पानी सिंध का
खाके सौगंध मिट्टी की, पीके पानी सिंध का
शोला बनके बरसा, अरे शोला बनके बरसा
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख के निमू जाकर भारतीय जवानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने गलवान के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने हमारे सशस्त्र बलों की वीरता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका साहस और भारत माता के प्रति समर्पण अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि भारत के नागरिक शांति से अपना जीवन जी सकते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि हमारे सशस्त्र बल राष्ट्र की रक्षा के लिए मजबूती से तैनात हैं। उन्होंने कहा कि हाल के सप्ताहों में हमारे सशस्त्र बलों ने जो अनुकरणीय बहादुरी दिखाई है, उससे दुनिया ने हमारी ताकत को समझा है।