- दुनिया का सबसे छोटा देश है सीलैंड!
- इस देश में रहते हैं सिर्फ 27 लोग
- समु्द्र में दो खंभों पर टिका है यह देश
Smallest Countary of The World: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त दुनिया का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसने अपने आपको सबसे छोटा देश घोषित किया हुआ है। उत्तरी सागर में स्थित यह छोटे सा अपतटीय प्लेटफॉर्म अपने आपको एक देश मानता है। जिसका नाम सीलैंड (Sealand) है। यह मात्र दो खंभों पर बसा है और चारों तरफ समुद्र से घिरा हुआ है। Sealand को फिलहाल इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता नहीं मिली है।
इस देश के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां के प्रिंस माइकल बेट्स (Michael Bates) हैं। 2 सितंबर 1967 को यहां के प्रिंस ने इसे माइक्रोनेशन के तौर पर घोषित किया था। इसका एरिया 0.004 KM स्क्वायर है। यहां की मुद्रा सीलैंड डॉलर (Sealand Dollar) है। बता दें कि सीलैंड को अंग्रेजों ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बनाया था। इसे सेना और नौसेना के फोर्ट के रूप में इस्तेमाल के लिए बनाया गया था। दरअसल, इसे यूके की सीमा के बाहर बनया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद ही इसे ध्वस्त किया जाना था, लेकिन इसे नष्ट नहीं किया गया था।
यूके सरकार ने किया था निर्माण
यूके सरकार ने साल 1943 में मौनसेल फोर्ट्स (Maunsell Forts) के नाम से इसका निर्माण किया था। आस-पास के इलाकों में महत्वपूर्ण शिपिंग लेन्स के खिलाफ बचाव के रूप में इसका उपयोग किया गया था। जर्मन माइन-लेइंग एयरक्राफ्ट के खिलाफ भी यह काफी उपयोगी था। इन मौनसेल किलों (Maunsell Forts) को 1956 में बंद कर दिया गया था। साल 1967 में यहां पैडी रॉय बेट्स का कब्जा था। इसी साल उन्होंने समुद्री डाकू रेडियो प्रसारकों से इस पर अपना दावा ठोका और इसे संप्रभु देश घोषित कर दिया।
पिछले 55 सालों से सीलैंड यूनाइटेड किंगडम सरकार की अवहेलना कर रहा है। साल 1968 में ब्रिटिश कामगारों ने अपने नौवहन सेवा के लिए इसकी रियासत में घुसने की कोशिश की थी। हालांकि, बेट्स ने शॉट फायर करके उन्हें डरा दिया था। तब वह एक ब्रिटिश विषय था इसलिए उन्हें यूके कोर्ट द्वारा तलब किया गया था। कोर्ट ने उन्हें दंडित नहीं किया। दरअसल, यह समुद्री मील की सीमा से बाहर था। इस प्रकार मामला आगे नहीं बढ़ सका। अभी यहां पर सिर्फ 27 लोग रह रहे हैं।