- दक्षिण भारत के तमिलनाडु में लॉकडाउन के दौरान बाइक चोरी की अनोखी घटना सामने आई है
- बाइक चोर ने मालिक के नाम वापस पार्सल कर दी बाइक
- परिवार को लॉकडाउन के दौरान पैत्रिक स्थान पर ले जाने के लिए की थी बाइक चोरी
चेन्नई: तमिलनाडु में बाईक चोरी का एक अनोखा मामला सामने आया है। एक शख्स ने कोरोना वायरस के कारण चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान परिवार को घर पहुंचाने के लिए मोटर सायकिल की चोरी की और फिर उसे वापस मालिक के नाम वापस पार्सल कर दिया।
ये घटना कोयंबटूर के पास एक गांव में हुई। जहां एक चाय की दुकान पर काम करने वाले शख्स ने अपने परिवार को लॉकडाउन के दौरान घर पहुंचाने के लिए बाइक चोरी की और इसके दो सप्ताह बाद 29 मई को बाइक के मालिक के पास वापस पहुंचा दी।सुलूर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी के मुताबिक बाइक चोरी की घटना 18 मई को हुई थी। प्रशांथ नाम का व्यक्ति अपनी पत्नी और दो बच्चों को तंजावुर के करीब पैत्रिक गांव ले जाना चाहता था।
18 मई को दिन दहाड़े हुई थी चोरी की घटना
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया, बाइक मालिक सुरेश कुमार सुलूर के पास ही लेथ मशीन की वर्कशॉप चलाते हैं जो कि कोयंबटूर से 20 किमी दूर है। उस दिन सुरेश कुमार वर्कशॉप में कुछ काम निपटा रहे थे। हमेशा की तरह उन्होंने बाइक अपनी वर्कशॉप के बाहर पार्क कर दी और भवन के अंदर काम करने में व्यस्त हो गए। लेकिन जब वो दोपहर को बाहर आए तो उनकी बाइक वहां नहीं थी। ऐसे में सुरेश उसी दिन बाइक चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे। लेकिन पुलिस कर्मचारियों के लॉकडाउन की व्यवस्था में व्यस्त रहने के कारण एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी।
सीसीटीवी से मिला था बाइक चोर का सुराग
2 दिन बाद जब सुरेश अपनी वर्कशॉप के करीब की बिल्डिंग के मालिक के पास गए और उनसे सीसीटीवी फुटेज की जांच करने का अनुरोध किया कि शायद उन्हें बाइक चोर का कोई सुराग मिल जाए। ऐसे में उन्हें बाइक चोरी करता एक शख्स दिखा जिसने शर्ट और पैंट पहने थे लेकिन उसके पैर में जूता-चप्पल नहीं था।
इसके बाद एक व्यक्ति ने बाइक चोरी करने वाले की पहचान प्रशांथ के रूप में की जो कि पिछले दो साल से एक चाय की दुकान में काम कर रहा था। इसके बाद वो जिस मकान में रहता था वहां सुरेश पहुंचे तो मालूम हुआ कि प्रशांथ मकान खाली करके परिवार के साथ अपने पैत्रिक स्थान चला गया है।हालांकि सुरेश कुमार ने 300 किमी दूर प्रशांथ के पैत्रिक स्थान का पता लगाने की कोशिश की लेकिन उनकी कोशिश बेकार हो गई।
दो सप्ताह बाद पार्सल से वापस मिली बाइक
ऐसे में 29 मई को उन्हें एक निजी सेवा प्रदाता कंपनी से फोन आया। जब वो वहां पहुंचे तो पता चला कि गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में दर्ज पते पर गाड़ी को चोर ने पार्सल करके वापस भेज दिया है। हालांकि सुरेश कुमार को मोटर साइकिल को वापस लेने के लिए 1400 रुपये का बिल चुकता करना पड़ा।
हालांकि अब सुरेश कुमार बाइक वापस मिलने के बाद किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं। ऐसा इस डर की वजह से है कि कहीं पुलिस उनकी बाइक लेकर और नए सिरे से छानबीन करे। हालांकि रविवार तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। संबंधित थाना प्रभारी शिकायत की जांच कर रहे हैं।