- सड़क किनारे ठेली लगाने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है
- छापेमारी में चला पता कि जिसे चिकन बताकर परोसा जा रहा था वो कौवे का मांस था
- मामला तमिलनाडु के रामेश्वरम का है, स्थानीय तीर्थयात्रियों ने की थी शिकायत
रामेश्वरम (तमिलनाडु): आपने हिंदी फिल्म देखी होगी जिसमें एक्टर विजय राज सड़क पर एक जगह बिरयानी खाते हैं। उसके बाद उन्हें एक शख्स मिलता है तो वह कहते हैं, 'हम जब भी हिचकी लेते हैं तो कौवे जैसे आवाज आ रही है।' तब सामने वाला शख्स उनसे पूछता है कि क्या खाए थे वो बताते हैं कि हम पांच रुपये वाली चिकन बिरयानी खाए थे। तब उन्हें सामने वाला शख्स बताता है, 'वह चिकन बिरयानी नहीं बल्कि कौआ बिरयानी है।' लेकिन वहां वो फिल्मी सीन था, लेकिन यहां हम आपको चिकन के नाम पर बेची जा रही कौवा बिरयानी का एक रियल वाकया बता रहे हैं।
मामला तमिलनाडु के रामेश्वरम का है जहां सड़क किनारे ठेली लगाने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल खाद्य विभाग को किसी ने सूचना दी थी कि यहां चिकन के नाम पर कौवे का मांस बिक रहा है। उसके बाद जब छापेमारी की गई तो अधिकारी भी हैरान रह गए। दरअसल जिसे चिकन बताकर परोसा जा रहा था वो कौवे का मांस था। पुलिस ने आरोपियों के पास से 150 मरे हुए कौवे बरामद किए हैं।
खबरों के अनुसार, इस दुकानदार हरकत के बारे में जब लोगों को पता चला तो एक स्थानीय मंदिर के तीर्थयात्रियों ने उसकी शिकायत कर दी। तीर्थयात्रियों ने देखा था कि जब मंदिर में भक्तों को चढ़ाए गए चावल खिलाए जाते थे तो कौवों की मौत हो जाती थी। जांच के बाद पता चला कि इलाके में कौवे को शिकारियों द्वारा शराब-भट्टी वाले चावल खिलाए जा रहे थे और जैसे ही कौवे बेहोश होते थे तो उन्हें बोरे में भर दिया जाता था। जो शख्स सड़क के किनारे ठेली पर सस्ते मांस के रूप में कौवा मांस बेच रहा था उस पर पुलिस ने नजर रखनी शुरू कर दी और बाद में वह पकड़ा गया।
पुलिस के अनुसार, स्टॉल सड़क किनारे खाने वालों को लोगों को चिकन के नाम पर कौवे का मांस खिलाते थे। यह पहला मौका नहीं है जब चिकन के नाम पर कुछ और बेचा गया हो। 2016 में चेन्नई पुलिस और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने सड़क किनारे लगनी वाली ऐसी रेहडियों का भांडाफोड़ किया था जो चिकन बिरयानी के नाम पर बिल्ली का मांस बेचते थे।