- जिस खनिक की किस्मत चमकी है वह एक खदान में मजदूर का काम करता है
- खुदाई के दौरान मजदूर को मिले दो बेशकीमती रत्न, कीमत करोड़ों में
- तंजानिया की सरकार ने मजदूर को सम्मानित कर दिए 25 करोड़ से अधिक रुपये
नई दिल्ली: एक कहावत कि 'ऊपर वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड़ के', ऐसा ही कुछ हुआ है एक खदान में काम करने वाले मजदूर के साथ में। मुश्किल से दो वक्त की रोटी जुटाने वाले मजदूर की किस्मत ऐसी चमकी की वह एक पल में करोड़पति हो गया। मामला तंजानिया का है जहां एक खदान में काम करने वाले मजदूर को अब तक के दो सबसे दुर्लभ रत्न मिले हैं। सरकार ने इन दुर्लभ रत्नों के बदले मजदूर को 25 करोड़ 36 लाख रुपये का चैक दिया है।
बेशकीमती हैं रत्न
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये दोनों रत्न बेशकीमती हैं जिनका रंग गहरा बैंगनी और नीला है। सनिन्यू लैसर (Saniniu Laizer) नाम के मजदूर को तंजानिया के खनन मंत्रालय की तरफ से ये इनाम दिया गया है। इन दो रत्नों की का कुल वजह 33 पौंड यानि करीब 15 किलो है जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये रत्न कितने बेशकीमती होंगे। बीबीसी से बात करते हुए 30 बच्चों के पिता लैसर ने बताया, 'कल एक बड़ी पार्टी होगी।'
चार पत्नियां औऱ तीस बच्चे
52 वर्षीय लैसर की चार पत्नियाँ हैं। लैसर ने बताया कि वह इन पैसों से मानायरा के सिमनजीरो जिले में अपने समुदाय में कुछ पैसे निवेश करेगे। बीबीसी से बात करते हुए लैसर ने बताया, 'मैं एक शॉपिंग मॉल और एक स्कूल बनाना चाहता हूं। मैं अपने घर के पास इस स्कूल का निर्माण करना चाहता हूं। यहां कई गरीब लोग हैं जो अपने बच्चों को स्कूल नहीं ले जा सकते हैं। मैं शिक्षित नहीं हूं, लेकिन मुझे पेशेवर तरीके से चीजें पसंद हैं। इसलिए मैं चाहूंगा कि मेरे बच्चे व्यवसाय को व्यवसायिक रूप से चलाएं।'
दुर्लभ रत्न
तंज़ानाइट नाम का यह बहुमूल्य रत्न केवल उत्तरी तंजानिया में पाया जाता है और इसका उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है। यह पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे दुर्लभ रत्नों में से एक है, और एक स्थानीय भूविज्ञानी का अनुमान है कि इसकी आपूर्ति अगले 20 वर्षों के भीतर पूरी तरह से समाप्त हो सकती है। यानि अगले 20 सालों के भीतर यह रत्न पूरी तरह से विलुप्त हो जाएगा।
इस रत्न के कीमती पत्थर हरे, लाल, बैंगनी और नीले सहित कई प्रकार के होते हैं।इसका मूल्य दुर्लभता के आधार पर निर्धारित किया जाता है जितना साफ रंग होगा तो कीमत उतनी ही ज्यादा होगी। लैसर को खुद राष्ट्रपति ने फोन किया और बाई दी। राष्ट्रपति ने कहा, '"यह छोटे स्तर के खनिकों का लाभ है और यह साबित करता है कि तंजानिया समृद्ध है।' राष्ट्रपति मगुफुली 2015 में खनन क्षेत्र में राष्ट्र के हितों की रक्षा करने के वादे और सरकार के राजस्व को बढ़ाने का वादा करते हुए सत्ता में आए थे।'