नई दिल्ली: परीक्षाओं के दौरान छात्रों के नकल करने- बेईमानी करने की आदत शिक्षकों और पर्यवेक्षकों के लिए हमेशा से सिरदर्द रही है। इस दौरान उनका कड़ी निगरानी रखना अहम होता है लेकिन कई नियम- कायदों के बावजूद कुछ छात्रों को हमेशा बेईमानी करने और परीक्षा हॉल के अंदर नकल खोलने और बांटने का तरीका मिल जाता है।
कुछ छात्र यह भी मानते हैं कि उनके शिक्षक धोखा देने के नए- नए तरीकों के बारे में नहीं जानते हैं। लेकिन हाल ही में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में ऐसे ही कुछ छात्रों को चीटिंग करने पर मुश्किल का सामना करना पड़ गया। टीचर ने एक सरल तरीके की मदद से उनकी नकल और बेईमानी पकड़ ली।
स्कूल के एक छात्र के अनुसार, जब उनकी कक्षा अपनी अंतिम परीक्षा लिख रही थी, लगभग आधे छात्र बाथरूम चले गए थे। छात्र ने माना कि उनमें से ज्यादातर छात्र अपने फोन में परीक्षा के सवालों के जवाब की जांच करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, सभी छात्रों ने पेपर लिखा और कुछ घंटे की परीक्षा के बाद परीक्षा हॉल खाली हो गया।
छात्र ने आगे कहा कि कि परीक्षा में एक विशेष प्रश्न था पाठ्यक्रम से बाहर था और वह कक्षा में पढ़ाए जाने वाली किसी भी चीज से संबंधित नहीं था। उसने कहा कि प्रश्न पत्र का सेक्शन ए आसान था, लेकिन सेक्शन बी बहुत कठिन था, इसलिए अधिकांश छात्रों ने इसे खाली छोड़ दिया।
परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिका जांचे जाने के बाद शिक्षक ने अपने सभी छात्रों को एक ईमेल भेजा, जिसमें बताया गया कि उनकी योजना से कैसे परीक्षा के दौरान मदद लेने वाले पकड़े गए।
छात्र एक विशेष वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं जिसमें परीक्षा और होमवर्क के उत्तर होते हैं। लेकिन वह इस बात से अंजान थे कि उनके शिक्षक ने ही ऐसा किया था। उन्होंने जानबूझकर पहले सेक्शन बी में ऐसे प्रश्न डाले जो हल करने में असंभव थे।
शिक्षक ने वेबसाइच पर अपना अकाउंट बनाया और कुछ फर्जी उत्तरों के साथ सवालों के जवाब दिए जो पहली नजर में सही लग रहे थे। 99 में से 14 छात्र उनकी इस योजना में फंस गए। इन छात्रों ने ठीक वही उत्तर लिखा था जो वेबसाइट पर लिखा गया था। सीधे शब्दों में कहें तो शिक्षक ने वेबसाइट पर परीक्षा के सवालों के गलत उत्तर लिखे और बेईमान छात्रों ने आंख बंद करके उनकी नकल कर ली।