- उत्तर प्रदेश के इस गांव में कोई महिला नहीं करती करवा चौथ का व्रत
- 200 साल पुराने एक श्राप की वजह से लिया गया है ये फैसला
- जिसने भी किया ये व्रत उसके पति की हो गई है मौत
- स्थानीय निवासी ने बताई हैरान करने वाली बातें
नई दिल्ली : अपने पति की लंबी आयु के लिए हर सुहागिनें करवा चौथ का व्रत बड़े ही भक्तिभाव से करती हैं। पूरे देश में आज महिलाएं धूमधाम से करवा चौथ का त्यौहार मना रही हैं ऐसे में यहां पर एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर एक भी महिला इस व्रत को नहीं करती हैं। इसके पीछे की वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में एक गांव है जहां की महिलाएं करवा चौथ नहीं करती हैं। मथुरा के पास विजाउ गांव की महिलाएं इस व्रत को नहीं करती हैं। एक स्थानीय निवासी के मुताबिक पिछले 200 सालों से इस गांव को एक श्राप मिला हुआ है, जो कोई भी महिला करवा चौथ का व्रत रखती है उसके पति की मौत हो जाती है।
यह श्राप एक ब्राह्मण महिला के द्वारा दिया गया था जिसके पति को ग्रामीणों ने करवा चौथ वाले ही दिन खूब मारा-पीटा था जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी। प्रचलित मान्यता के अनुसार नवविवाहित ब्राह्मण और उसकी पत्नी करवा चौथ वाले दिन वाइजू गांव से गुजर रहे थे। उसी समय कुछ ग्रामीणों ने उस ब्राह्मण पुरुष पर भैंस चुराने का आरोप लगाते हुए उसके साथ मारपीट करने लगे।
नवविवाहिता पत्नी के सामने उस शख्स को ग्रामीणों ने इतना पीटा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसी समय विवाहिता महिला ने उस गांव की महिलाओं को श्राप देते हुए कहा कि आज से जिस किसी महिला ने भी करवा चौथ का व्रत किया तो उसके पति की मौत हो जाएगी। ग्रामीणों को श्राप देने के बाद वह अपने पति की चिता में समा गई और जिंदा जल कर मर गई।
तब से ही इस गांव की महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं करती हैं लेकिन यहां पर बने सती मंदिर में जाकर पूजा प्रार्थना करती हैं। यहां तक कि पुरुष शादी से पहले इस सती मंदिर में आकर पूजा अर्चना करते हैं।
यहां तक कि यहां की महिलाएं इस गांव से सिंदूर भी खरीदकर नहीं इस्तेमाल करती हैं। वे अपने मायके से लाया हुआ सिंदूर अपनी मांग में भरती हैं। जब कभी भी किसी महिला ने इस मान्यता के विरुद्ध जाकर करवा चौथ का व्रत रखा उसके पति की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई।