लखनऊ : कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच उन 'योद्धाओं' के लिए मुश्किलें कम नहीं हैं, जो तमाम खतरों के बावजूद दिन-रात अपनी ड्यूटी में लगे हैं। इनमें स्वास्थ्यकर्मियों के अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण बनी हुई है, जो देशव्यापी लॉकडाउन के बीच लोगों की सुरक्षा के लिए जगह-जगह सेवा दे रहे हैं। वे कहीं कोरोना वायरस के खतरों को लेकर लोगों को आगाह कर रहे हैं तो लॉकडाउन का अनुपालन नहीं करने वालों के साथ सख्ती भी कर रहे हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रहे और लोगों में संक्रमण का खतरा कम हो।
बेटी को लेकर ड्यूटी
फिर इस बार रमजान का पाक महीना भी ऐसे समय में आया है, जबकि देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। ऐसे में उन 'कोरोना वॉरियर्स' के लिए चुनौतियां अधिक हैं, जो रोजा रखते हुए भी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। लखनऊ में ऐसा ही हुआ, जब एक सब-इंस्पेक्टर रोजा पर होने के बावजूद अपनी ड्यूटी के लिए पहुंचीं। और तो और, साथ में उन्हें अपनी बच्ची को भी लाना पड़ा, जिसे वह अक्सर उसकी दादी के पास छोड़कर आती थीं। उनकी तबीयत खराब होने की वजह से मंगलवार को वह अपनी बच्ची को लेकर ड्यूटी करने पहुंचीं।
'ड्यूटी जरूरी'
सब-इंस्पेक्टर निदा अर्शी कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच अपनी बच्ची को लेकर ड्यूटी करने पहुंचीं। उन्होंने इसकी वजवह बताते हुए कहा, 'मैं आम तौर पर बच्ची को उसकी दादी के पास छोड़कर आती हूं,लेकिन आज उनकी भी तबीयत ठीक नहीं है। आज जबकि महामारी का समय है, पुलिसकर्मी के तौर यह जरूरी है कि हम अपनी ड्यूटी निभाएं। मैं रोजा भी रख रही हूं।' समाचार एजेंसी एएनआई ने कुछ तस्वीरें भी जारी की है, जिसमें सब-इंस्पेक्टर अर्शी अपनी बच्ची को गोद में लेकर ड्यूटी करती नजर आ रही हैं।
यूपी में कोरोना के 2043 मामले
यहां उल्लेखनीय है कि यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 2043 हो गए हैं, जिनमें से 1612 एक्टिव केस हैं। राज्य में अब तक 400 लोग इस घातक संक्रमण की चपेट में आने के बाद ठीक हुए हैं, जबकि 31 अन्य की जान गई है। प्रदेश में 60 जिलों से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। हालांकि इनमें से 7 जिलों में अब कोई एक्टिव पॉजिटिव केस नहीं है।