- हर साल 12 जनवरी को विश्व बाल मजदूरी विरोध दिवस मनाया जाता है
- इस दिन असहाय, बेसहारा, शोषित बच्चों के अधिकारों के बारे में बात की जाती है
- दुनिया भर में लाखों करोड़ों ऐसे बच्चे हैं जिनसे बाल मजदूरी करवाया जाता है
एक बच्चा अपने माता-पिता के लिए गौरव और खुशियों की वजह होता है बल्कि वह देश का भविष्य भी कहलाता है। बच्चे के जन्म लेते ही उसे माता-पिता का भरपूर प्यार मिलता है। बच्चे के जन्म से पहले ही उसके मां-बाप उसके भविष्य बनाने की तैयारियां शुरू कर देते हैं। ऐसे बच्चे खुशनसीब कहे जाते हैं वहीं दुनिया भर में लाखों करोड़ों की संख्या में ऐसे बच्चे भी हैं जिन्हें ना मां का प्यार मिलता ना बाप का और तो और उन्हें समाज और रिश्तेदार भी त्याग देते हैं। ऐसे बच्चे सड़कों पर धूल फांकने को बेबस होते हैं बाल मजदूरी के चंगुल में फंसकर अपना बचपन खो देते हैं। ऐसे ही बच्चों को याद करने का दिन है आज। हर साल 12 जून को वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर यानि बाल मजदूरी के विरोध में ये दिन मनाया जाता है।
ऐसे बदनसीब बच्चों के जीवन में ना अच्छी पढ़ाई लिखाई होती है ना ही इनकी किस्मत में किसी का प्यार होता है और ना ही इन्हें भरपूर पोषण मिल पाता है। सबसे बड़ी विडंबना और दुख की बात ये है कि ये बच्चे होकर भी बच्चे नहीं रह जाते। बाल मजदूरी विरोध दिवस पर हम आज इन बच्चों के अधिकारों की बात करते हैं उनके बचपन की बात करते हैं। किस तरह से इनके बचपन को बचाया जा सके और उन्हें बाकी बच्चों की तरह एक सामान्य जिंदगी मिल सके। इसी पर आइए देखते हैं कुछ मार्मिक कोट्स और संदेश जो इन बदनसीब बच्चों की दुर्दशा को बयां करते हैं-
हिंदी कोट्स
बच्चे खेलेंगे कूदेंगे विकास करेंगे
जब हम बाल मजदूरी का विनाश करेंगे।
बाल मजदूरी एक व्यापार है
बचपन में खेलना बच्चों का अधिकार है।
बाल मजदूरी एक पाप है
जिसके जिम्मेदार खुद आप हैं।
जिम्मेदारी का बोझ नहीं बचपन की मस्ती थमाएं
इन बच्चों में उड़ने को पंख लगाएं।
मेहनत-मजदूरी की आग में जो उन्हें तपा रहे हो
उनके बचपन को तुम खाक बना रहे हो
मासूम सी आंखों को सपनों की उड़ान भरने दो
उन्हें बेबसी लाचारी की की थकान में ना पड़ने दो
इनके बचपन में जो ना रंग भर सको ना सही
पर इनके बचपन को छीनने का हक भी तुम्हें नहीं
हालात के मार तो पहले ही ये झेलते हैं
और इन मासूमों से मजदूरी करवा कर
उनके भविष्य से निर्मम खेलते हैं
अंग्रेजी कोट्स
Every child comes with the message that God is not yet discouraged of man: Rabindranath Tagore
Children are like wet cement whatever falls on them makes an impression: Haim Ginott, child psychologist
The soul is healed by being with children: Fyodor Dostoyevsky, Russian novelist and philosopher
The best way to make children good is to make them happy: Oscar Wilde, author and poet
आपको बता दें कि देश में आज भी करीब 30 फीसदी बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। इनमें से अधिकतर बच्चे बाल मजदूरी में फंस जाते हैं। बाल मजदूरी में कई बच्चे खतरे वाले कामों में लगे होते हैं जिनसे उनसे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर हमेशा खतरा बना रहता है। इनके पास खुद के लिए भी समय नहीं होता।
इसलिए अब समय है इस मुद्दे पर केवल सोशल मीडिया पर दलील देने की बजाय धरातल पर आकर इनके लिए कुछ अच्छा करने का ताकि इनका बचपन तो संवर जाए साथ ही देश के लिए भी एक नया चमकता भविष्य तैयार हो।