- वायरल हो रही इंदौर की इस ट्रैफिक वॉलंटियर की वीडियो
- बेहद रोचक अंदाज में ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को कर रही जागरूक
- नियमों का पालन करने वालों को बेहद तहजीब से करती हैं सैल्यूट
नई दिल्ली : इंदौर में ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए एक वॉलंटियर की एक बेहद ही रोचक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। शुभी जैन नाम की इस ट्रैफिक वॉलंटियर की खासियत ये है कि ये बेहद ही रोचक अंदाज में लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति उनकी जिम्मेदारियों से अवगत करा रही है। शुभी दरअसल पुणे सिंबायोसिस की एक एमबीए स्टूडेंट है जो इंदौर ट्रैफिक पुलिस के साथ वॉलंटियर की तरह काम कर रही है।
सड़क पर आने-जाने वाले यात्री शुभी के स्टाइल के कायल हो रहे हैं, वह जिस तरह से लोगों को तरीके से प्यार से ट्रैफिक नियमों के बारे में बताती वह वाकई में बेहद ही प्रेरणादायक है। दरअसल उसका मानना है कि लोगों को केवल रोकने टोकने से बात नहीं बन सकती है बल्कि जो कोई पहले से ट्रैफिक नियमों का बखूबी पालन कर रहा है उसकी तारीफ भी करें इससे बाकी लोगों को सीख मिलेगी और उन पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
वह अपने इस काम में इसी तरीके का इस्तेमाल कर रही है। सिग्नल पर खड़े होकर वह बाइक पर आने जाने वालों को बड़े ही प्यार और इज्जत से हेल्मेट पहनने की गुजारिश करती है जबकि वहीं कोई अगर पहले से हेल्मेट पहन कर आया है तो उसे थैंक्यू कहकर उसे सैल्यूट भी करती है। इसी तरह से कार में बैठे शख्स को भी सीट बेल्ट बांधने के लिए शुक्रिया अदा करती है और इशारे में उन्हें भी सैल्यूट करती है।
शुभी का ये तरीका लोगों को काफी पसंद आ रहा है। उसका मानना है कि हमारा ये उद्देश्य है कि इंदौर को ट्रैफिक नियमों के पालन के मामले में एक मिसाल बनाया जाए और इसी के लिए हम सब कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उसने बताया कि वह 5 नवंबर से यहां पर इंटर्नशिप करने आई है। उसका मानना है कि ट्रैफिक के मामले में लोगों को ट्रैफिक पुलिस की जरूरत ही नहीं पड़नी चाहिए उनके दिमाग में पहले से ही ये बातें होनी चाहिए कि उन्हें किस तरह किन-किन नियमों का पालन करना है।
उसने बताया कि वे मुख्य रुप से इन चीजों पर काम कर रहे हैं- जागरुकता, नो पार्किंग में गाड़ी ना खड़ी करना, कार चलाते समय सीट बेल्ट लगाना, हेल्मेट पहनें, ज्यादा हॉर्न ना बजाएं, गाड़ी चलाते समय फोन का इस्तेमाल ना करें। उसने बताया कि अगर हम यात्रियों से रिक्वेस्ट की तरह बात करके उन्हें उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराएंगे तो ये बेहद कारगर साबित होगा।