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रतलाम के कबाड़ी ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, कबाड़ में मिले लाखों के जेवरात और रुपए मालिक को ढूंढकर लौटाए

Ratlam's Kabad man set an example of honesty, found jewelery and money of lakhs found in scrap and returned it to the owner
Updated Apr 20, 2022 | 22:39 IST

रतलाम के मिनीपूरा फकीर मोहल्ले में रहने वाला युवक काले खां कबाड़ी का काम करता है। उसे कबाड़ में नगदी सहित लाखो के जेवरात मिले। लेकिन उसने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए मालिको ढ़ूंढकर रुपए और ज्वैलरी वापस लौटाए।

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रतलाम : आज के दौर में जब परिवार तक पैसों के लिए नुकसान पंहुचाने से पीछे नहीं रहता। वहीं कबाड़ा खरीदने वाले एक युवक ने ईमानदारी और इंसानियत की जीती जागती मिसाल पेश की है। युवक को कबाड़े के सामान से 80 हजार रुपए नगद और लाखों रुपए के गहनें मिले, लेकिन युवक ने पैसे रखने के बजाय खुद मशक्कत करके उनके असली मालिक का पता लगाया और फिर परिवार के पास पंहुचकर उन्हें पूरे आभूषण और नगदी लौटाए। 

जानकारी की अनुसार जावरा शहर के मिनीपूरा फकीर मोहल्ले में रहने वाला युवक काले खां भंगार खरीदने का काम करता है। सोमवार को उसने पिपलौदा के गांव बड़ौदा में 8 सो रुपए का कबाड़ा खरीदने के बाद कई गांव कबाड़ा खरीदा और घर आकर देखा कि जो भंगार के डिब्बे खरीदे थे उसमे बहुत सारी नगदी व सोने चांदी के आभूषण हैं। जब कालेखां ने देखा तो चांदी के पायजेब, पैंडल, सोने के दाने जिनकी कीमत करीब 3 लाख रुपए से ज्यादा हैं, और इसके अलावा 500-500 के नोट भी थे जो कुल 80 हजार रुपए थे। ये नगदी और जेवरात अगले दिन सुबह असली मालिक तक लौटाने पहुंचे और सभी असली मालिक को लौटाया और ईमानदारी की मिसाल
 पेश की।

पैसे और आभूषण देखकर युवक ने रखने के बजाय इन्हें वापस लौटाने का प्रयास शुरू किया। अगले दिन पिपलौदा के जियाउद्दीन कुरेशी से संपर्क किया। कालेखां ने बताया कि उसने ग्राम बड़ौदा के संदीप पिता शांतिलाल राठौर के यहां से भंगार खरीदा था, ऐसे में उसी का सामान हो सकता है। इसके बाद वे उनके साथ परिवार के पास पहुंचे जहां कालेखां ने पूरी राशि और आभूषण राठौर परिवार को वापस लौटाए। 

विधायक ने सुना तो किया स्वागत 

युवक की ईमानदारी की चर्चा तेजी से सोशल मीडिया से लेकर पूरे नगर में फैलने लगी। जावरा विधायक डॉ. राजेंद्र पाण्डेय को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने कालेखां से मिलने के लिए बुलाया। डॉ. पाण्डेय ने श्री खान की ईमानदारी और नेक नीयत की तारीफ करते हुए उन्हें माला पहनाई और स्वागत भी किया।

वहीं जब हम ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाले कालेखां के घर मिनी पूरा फकीर मोहल्ले पहुंची और कालेखां से मिलकर उनके सारे हालात देखें कालेखा कबाड़ी काफी गरीब हैं और उनके छोटे छोटे बच्चों और पत्नी के साथ एक कमरे वाले भाड़े के मकान में रहते हैं काफी गरीब और परेशानियों से अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं रोज सुबह उठकर गांव-गांव जाकर भंगार खरीद ने का काम करते हैं पर नगदी और लाखों के जेवरात भी भंगार के साथ आग गए और जब घर पहुंचकर देखा तो नगदी और लाखों के जेवरात लौटाने में लग गया और अगले दिन गाँव जाकर फिर मालिक को लौटाए।