- दशकों तक ग्रेटर नोएडा की प्यास बुझाएगी गंगा जल परियोजना
- जल्दी शुरू होगी 17 वर्षों से अटकी परियोजना, ग्रेनो में आठ लाख लोगों को मिलेगा गंगा जल
- अर्से से अटकी 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना ने पकड़ी रफ्तार, कमीशनिंग में तीन माह लगेंगे
लखनऊ: ग्रेटर नोएडा (ग्रेनो) में 17 वर्षों से अटकी गंगा जल परियोजना जल्द पूरी होने वाली है। इससे ग्रेनो के आठ लाख लोगों को तात्कालिक रूप से शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। इसके अलावा आने वाले समय में आबादी बढ़ने के बावजूद ग्रेनो में दशकों तक लोगों की प्यास बुझाई जा सकेगी। सीएम योगी ने आठ सौ करोड़ की लागत वाली गंगा जल परियोजना को शीघ्र पूरी कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद शासन स्तर से परियोजना की लगातार मानिटरिंग की गई और स्थानीय स्तर पर अफसरों ने किसानों से संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकाला। फिलहाल, पल्ला स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर कमिश्निंग का काम चल रहा है।
गंगाजल शीघ्र ही जैतपुर स्थित ट्रीटमेंट प्लांट पहुंच जाएगा और फिर ग्रेटर नोएडावासियों तक गंगाजल पहुंचाने का काम शुरू होगा। प्राधिकरण ने अगले तीन माह में गंगाजल की आपूर्ति के लिए कमीशनिंग का काम पूरा होने की उम्मीद जताई है। इस बारे में ग्रेटर नोएडा अथारिटी के पेयजल विभाग के सीनियर मैनेजर कपिल सिंह के मुताबिक परियोजना के पूरा होते ही दो चरणों में लोगों को गंगा जल उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें पहले चरण में तीन महीने बाद ग्रेनो ईस्ट और दूसरे चरण में उसके तीन महीने बाद ग्रेनो पश्चिम में गंगा जल उपलब्ध कराया जाएगा।
सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और मेरठ मंडल के कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि सीएम योगी के निर्देशों पर ग्रेनोवासियों के घरों तक गंगाजल शीघ्र लाने की पूरी कोशिश की जा रही है। 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना सभी ग्रेटर नोएडावासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे एक तरफ उनके घरों में गंगाजल आने लगेगा और दूसरी तरफ भूजल की भी बचत होगी। इससे भूजल स्तर में भी सुधार होगा।
परियोजना शुरू होने के बाद 210 एमएलडी क्षमता और बढ़ जाएगी
वर्तमान में ग्रेनो की आबादी करीब छह लाख है। पहले फेज में तीन लाख और दूसरे फेज में तीन लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। आने वाले समय में आबादी बढ़ने के बाद भी उन्हें पेयजल मिलेगा। अभी ग्रेनो में करीब 130 एमएलडी पेयजल की जरूरत है। जबकि वर्तमान में ग्रेनो में 170 से 180 एमएलडी पेयजल उपलब्ध है। गंगा जल परियोजना शुरू होने के बाद 210 एमएलडी की क्षमता और हो जाएगी। इससे कई दशकों को तक पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा।
गंगाजल परियोजना की महत्वपूर्ण तिथियां
- 2005 में गंगाजल परियोजना का हुआ एलान
- फरवरी 2019 में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे काम करने की अनुमति
- जुलाई 2019 में एनटीपीसी दादरी से मिली एनओसी
- जून 2021 में वन विभाग ने दी काम करने की अनुमति
- जुलाई 2021 में आईओसीएल से पाइप लाइन डालने की मिली अनुमति
- अक्तूबर 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से लाइन डालने की अनुमति
- दिसंबर 2021 में पल्ला के डब्ल्यूटीपी तक पहुंचा गंगाजल