- केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुरू की सुविधा
- पेंशन और कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा योजना कैलकुलेटर भी पेश
- ईपीएफओ की प्रशिक्षण नीति भी जारी की, यह है उद्देश्य
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने शनिवार को अपने 73 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को चेहरा प्रमाणीकरण तकनीक का उपयोग करके कहीं से भी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की सुविधा शुरू की। चेहरे की पहचान का सत्यापन उन बुजुर्ग पेंशनभोगियों की सहायता करेगा, जिन्हें जीवन प्रमाण पत्र दाखिल करने के लिए वृद्धावस्था के कारण अपने बायोमीट्रिक्स (फिंगर प्रिंट और आंख पहचान) जुटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने पेंशनभोगियों के लिए चेहरा प्रमाणीकरण तकनीक सुविधा शुरू की। इससे पहले ईपीएफओ की शीर्ष संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने अपनी 231 वीं बैठक में पेंशनभोगियों के लिए ईपीएफओ सेवाओं में और सुधार के लिए पेंशन के केंद्रीकृत वितरण करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी। इसमें कहा गया कि इसकी पेशकश विभिन्न चरणों में होगी और तौर-तरीकों को और विकसित किया जाएगा।
यादव ने पेंशन और कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा योजना कैलकुलेटर भी पेश किया जो पेंशनभोगी और परिवार के सदस्यों को पेंशन और मृत्यु से जुड़े बीमा लाभ के विभिन्न लाभों की गणना करने के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने ईपीएफओ की प्रशिक्षण नीति भी जारी की जिसका उद्देश्य ईपीएफओ के अधिकारियों और कर्मचारियों को एक सक्षम, उत्तरदायी और भविष्य के लिए तैयार कार्यकर्ता के रूप में विकसित करना है। प्रशिक्षण नीति के तहत प्रतिवर्ष 14,000 कर्मचारियों को आठ दिनों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और इसके लिए वेतन बजट का तीन प्रतिशत रखा जाएगा।
यादव ने कानूनी ढांचा दस्तावेज भी जारी किया जिसका उद्देश्य ईपीएफओ को एक कुशल और जिम्मेदार वादी बनाना है ताकि एक समन्वित और समयबद्ध तरीके से मुकदमों का संचालन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने एक वर्चुअल कार्यक्रम में क्षेत्रीय कार्यालय भवन, उडुपी की आधारशिला भी रखी। भूमि पूजन स्थानीय रूप से उडुपी विधानसभा के विधायक के रघुपति भट ने किया।
सीबीटी ने तीन साल के लिए ईपीएफओ की प्रतिभूतियों के संरक्षक के रूप में सिटी बैंक की नियुक्ति को भी मंजूरी दी। मौजूदा प्रतिभूति संरक्षक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के कार्यकाल को नए संरक्षक के कार्यभार संभालने तक बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।