- उपभोक्ता को अपने मोबाइल नंंबर और ई-मेल का नए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- सरकार 10 लाख से ज्यादा परिवारों को जोड़ना चाहती है और उनके जरिए 4000 मेगावॉट सोलर बिजली उत्पान का लक्ष्य लेकर चल रही है।
- लोगों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाने की तैयारी है।
Roof Top Solar Plant Scheme: मोदी सरकार रूफ टॉप सोलर पॉवर प्लांट योजना के पहले चरण में ठंडे रिस्पांस के बाद, दूसरे चरण को नए बदलाव के साथ लेकर आई है। इसके तहत सरकार 10 लाख से ज्यादा परिवारों को जोड़ना चाहती है और उनके जरिए 4000 मेगावॉट सोलर बिजली उत्पान का लक्ष्य लेकर चल रही है। दूसरे चरण में सरकार की कोशिश है आम उपभोक्ता को ऑनलाइन ही सोलर रूफ टॉप इंस्टॉलेशन की सुविधा मिल जाय। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया पोर्टल भी लांच किया है। जहां पर आम उपभोक्ता को अपने घरों की छत पर सोलर प्लांट लगाने के लिए वेंडर से लेकर, सब्सिडी आदि की सारी सुविधाएं ऑनलाइन मिल जाएंगी। सरकार इस समय रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए 3 किलोवॉट तक क्षमता पर 40 फीसदी और उससे ज्यादा लेकिन 10 किलोवॉट तक की क्षमता पर 20 फीसदी सब्सिडी देती है।
पहले चरण में उम्मीद के अनुसार नहीं हुआ विस्तार
रूफ टॉप सोलर पॉवर प्लांट योजना के तहत रिहायशी इलाकों में घरों पर सोलर प्लांट लगाया जाता है। लेकिन पहले चरण में सरकार द्वारा सब्सिडी देने के बावजूद ज्यादा प्रगति नहीं दिखी है। इसीलिए 21 दिसंबर 2021 को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव ने भी राज्यों के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखकर, योजना के ठंडे रिस्पांस पर चिंता जताई थी। इस पत्र में जो अहम बात कही गई थी, कि इस योजना के बारे में लोगों में जानकारी की कमी है। 40 फीसदी तक सब्सिडी देने के बावजूद राज्यों में उम्मीद के मुताबिक सोलर प्लांट नहीं लग पाए हैं। इसके लिए योजना का प्रचार करने के साथ-साथ, सब्सिडी की राशि डिस्कॉम को एडवांस में देने के प्रावधान आदि की बात कही गई थी। अब इन्हीं अहम बदलावों के साथ दूसरे चरण को लांच किया गया है।
अब ऑनलाइन मिल जाएंगी ये सुविधाएं
पॉवर मिनिस्ट्री से मिली जानकार के पास, नए बदलाव के साथ उपभोक्ताओं के पास स्थानीय डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी के साथ पंजीकृत किसी वेंडर, सोलर मॉड्यूल्स, सोलर इन्वर्टर और अन्य प्लांट्स एवं उपकरण चुनने का विकल्प होगा। साथ ही डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी के साथ वेंडर्स के पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है, उन्हें 2.5 लाख रुपये की पीजीबी धनराशि के साथ सिर्फ एक घोषणा पत्र जमा करना होगा और उनका पंजीकरण हो जाएगा। इन वेंडरों को अपनी जानकारी और कीमत राष्ट्रीय पोर्टल पर उपलब्ध कराने की सुविधा मिलेगी, जिससे रूफटॉप सोलर लगवाने का इच्छुक कोई उपभोक्ता उनसे संपर्क कर सके और परस्पर सहमति वाली रेट पर रूफटॉप सोलर लगवा सकें। उपभोक्ता के बैंक खाते में सब्सिडी जारी करने के लिए आवेदन के पंजीकरण और उसके ट्रैकिंग की ऑनलाइन निगरानी हो सकेगी।
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इसके लिए क्या करना होगा
उपभोक्ता को अपना मोबाइल और ई-मेल का नए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद लॉग-इन करके आवेदन पत्र जमा किया जा सकेगा। राज्य में लागू नियमों के तहत आवेदन स्वतः ही तकनीक व्यवहार्यता स्वीकृति के लिए स्थानीय डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी को भेज दिया जाएगा, साथ ही संदेश ऐप बी डाउनलोड करना होगा।
- एक बार टेक्निकल स्वीकृति मिलने के साथ, यह स्वतः ही पोर्टल पर नजर आने लगेगा और उपभोक्ता को एक ई-मेल भेजा जाएगा कि आवेदक रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवा सकता है। इसके बाद निरीक्षण तथा नेट-मीटर लगवाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर विवरण जमा करना होगा।
- डिस्कॉम के अधिकारी इंस्टालेशन का निरीक्षण करेंगे और नेट-मीटर लगाएंगे।
- नेट-मीटर लगने और डिस्कॉम द्वारा ब्यौरा अपलोड करने के बाद, उपभोक्ता को सब्सिडी जारी कराने के लिए अपने बैंक खाते का ब्यौरा जमा करना होगा।
- 30 दिन के भीतर सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में सब्सिडी जारी कर दी जाएगी।