- वायरस ने केरल में सबसे पहले दी थी दस्तक, फिर पहुंचा था दिल्ली
- डब्ल्यूएचओ मंकीपॉक्स को घोषित कर चुका है ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी
- आशंका- केस फैलने से नागरिकों में भय का माहौल पनप सकता है
Monkeypox Crisis in India: कोरोना वायरस संकट से भारत अभी उबर भी नहीं पाया कि उससे पहले ही मंकीपॉक्स (वायरल जूनोटिक संक्रमण) ने देश में दस्तक दे दी। डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह हम सभी के लिए चिंता की बात है, क्योंकि कोरोना के बीच अगर नई बीमारी फैलती है, तब यह किसी दोहरी चुनौती से कम नहीं होगा। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की ओर से खुद को बचाने के लिए सुझाए गए कुछ तरीके ये हैं:
- ऐसे लोगों से संपर्क सीमित करके, जिन्हें यह शक है कि उन्हें यह बीमारी है या जिनके मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
- जो लोग संक्रमित लोगों के साथ रहते हैं, उन्हें उन्हें खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। अगर संभव हो तो त्वचा में जिस जगह खरोंच-घाव आदि हो तो उसे कवर (कपड़े से) करना चाहिए।
- संक्रमित व्यक्ति के करीब होने पर, खासकर अगर उन्हें खांसी हो या मुंह में छाले हों, और संक्रमित व्यक्ति के कपड़े या बिस्तर को छूते समय फेस मास्क पहनना जरूरी है।
- डिस्पोजेबल दस्ताने पहनकर त्वचा से त्वचा के संपर्क से बचें। अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं या अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। विशेष रूप से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद उनके कपड़ों (चादरें और तौलिये सहित) के साथ या अन्य चीजों या सतहों (जैसे बर्तन या व्यंजन) को छूने से बचें, जो चकत्ते या श्वसन स्राव के संपर्क में आ सकते हैं।
- कहीं भी गंदी सतह दिखे तो साफ करें और उसे कीटाणुरहित बनाएं। दूषित कचरे (जैसे ड्रेसिंग) को ठीक से फेंकने और संक्रमित व्यक्ति के कपड़े धो लें। तौलिये, चादरें व खाने के बर्तन भी गर्म पानी और डिटर्जेंट के साथ अच्छे से साफ करें।
- किसी भी लक्षण या चकत्ते होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में और जानवर से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में भी आकर फैल सकता है। मनुष्यों के मामले में आमने-सामने, त्वचा से त्वचा, मुंह से मुंह या मुंह से त्वचा के संपर्क में आने से, किसी अन्य संक्रमित व्यक्ति के साथ आने से मंकीपॉक्स हो सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इस बीच, मंकीपॉक्स मामलों पर दिल्ली में मेदांता के अध्यक्ष डॉ नरेश त्रेहन ने बताया, "यह चिंता का विषय है। हम पहले से ही कोविड-10 का सामना कर रहे हैं। अगर देश में एक और बीमारी फैल जाएगी तो खतरा बढ़ जाएगा। जिन लोगों में लक्षण हैं, वे अपना परीक्षण कराएं और लोगों को जागरूक होना चाहिए।"