- पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम में आपको निश्चित रिटर्न मिलता है।
- पोस्ट ऑफिस हर नागरिक को ध्यान में रखते हुई कई योजनाएं पेश करता है।
- इन योजनाओं में निवेश कर आप मोटा मुनाफा कमा सकते हैं।
Post office small savings schemes: जो निवेशक पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम, जैसे पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट (POTD), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) या किसान विकास पत्र (KVP) में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, उनको पहले यह जान लेना चाहिए कि कौन सी स्कीम में उन्हें टैक्स का कितना लाभ मिलेगा। निवेशकों को अपने फंड को फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने से पहले इन योजनाओं में मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में जरूर विचार करना चाहिए। आइए जानते हैं कौन से स्कीम में निवेशकों को कितना टैक्स बेनिफिट मिलता है।
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Savings Certificate)
हर सरकारी योजना के तहत साल अर्जित ब्याज को फिर से निवेश किया जा सकता है, जिससे यह धारा 80 सी के तहत टैक्स ब्रेक के लिए योग्य हो जाती है। हालांकि एनएससी में निवेश के लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं है, लेकिन धारा 80 सी के तहत एक साल में 1.5 लाख रुपये तक का कर लाभ मिलता है।
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किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra)
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम के तहत प्राप्त ब्याज पर टैक्स ब्रैकेट के अनुसार कर लगाया जाता है। निवेश की अवधि के दौरान कोई ब्याज डिस्ट्रिब्यूशन नहीं होता है। केवीपी में निवेशकों को टैक्स का कोई लाभ नहीं मिलता है।
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट (Post Office Time Deposit)
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट के तहत 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत कर कटौती के योग्य है। अगर एफडी अकाउंट पर अर्जित ब्याज नियमित ग्राहकों के लिए एक वित्तीय वर्ष में 40,000 रुपये से ज्यादा है, तो पोस्ट ऑफिस द्वारा स्रोत पर कर काटा जा सकता है।
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(Disclaimer: यहां टाइम्स नाउ नवभारत द्वारा किसी भी योजना में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। यह सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना में निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)