- हाल ही में कई बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ा दी थी।
- सरकारी सेक्टर के सबसे बड़े बैंक ने भी ग्राहकों को झटका दिया है।
- एमसीएलआर के बदले कर्ज लेने वाले ग्राहकों की EMI महंगी हो जाएगी।
नई दिल्ली। सरकारी सेक्टर के बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ग्राहकों को झटका दिया है। भारत के सबसे बड़े लेंडर ने लोन लेना महंगा कर दिया है। एसबीआई ने लोन की ईएमआई बढ़ा दी है। एसबीआई ने 15 अगस्त 2022 से लोन पर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में वृद्धि कर दी है। इसमें 20 आधार अंकों का इजाफा किया गया है। इससे एमसीएलआर पर आधारित लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी।
इतनी हुई ब्याज दर
एसीआई ने एक रात से तीन महीने की एमसीएलआर की दर को 7.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.35 प्रतिशत कर दिया है। SBI के छह महीने के एमसीएलआर को 7.45 फीसदी से बढ़ाकर 7.65 फीसदी कर दिया गया है। साथ ही एक साल की एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.7 फीसदी, दो साल के एमसीएलआर को 7.9 फीसदी और तीन साल की एमसीएलआर को 8 फीसदी कर दिया गया है।
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लोन के लिए होती है रीसेट अवधि
एमसीएलआर पर आधारित होम लोन के लिए एक रीसेट की अवधि होती है, जिसके बाद उधारकर्ताओं के लिए दरों में संशोधन किया जाता है। एसबीआई आम तौर पर एमसीएलआर आधारित ऋणों के लिए 1 वर्ष की रीसेट अवधि प्रदान करता है।
केंद्रीय बैंक ने की थी रेपो रेट में वृद्धि
पिछली नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए रेपो दर को 50 बीपीएस बढ़ा दिया था। मई महीने की मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद से केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दरों में 1.40 फीसदी यानी 140 बीपीएस की वृद्धि की है। प्रभावी रूप से, रेपो दर अब 5.15 फीसदी के महामारी पूर्व स्तर से ऊपर है।
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