- योजना के तहत भर्ती किए गए युवाओं को 'अग्निवर' के रूप में जाना जाता है
- कोरोना महामारी के बाद से ही बंद थी सेना में भर्ती
- इस योजना के तहत सेवा के बाद कॉरपोरेट जगत में काम कर सकेंगे युवा
Agnipath Scheme: भारतीय सेना में युवाओं में शामिल करने के लिए 'अग्निपथ भर्ती योजना' बनाई जा रही है। मोदी मंत्रिमंडल जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है। तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन रक्षा सेवाओं में सैनिकों को शामिल करने के लिए नई 'अग्निपथ' भर्ती योजना के बारे में जानकारी दी। योजनाओं के मुताबिक छह महीने की शुरुआती ट्रेनिंग के बाद, 20-25 फीसदी भर्ती किए गए युवाओं को 'अग्निवीर' के रूप में जाना जाएगा।
इस योजना के माध्यम से भर्ती किए गए युवा सेना में अपनी 3 से 4 साल की सेवाएं देने के बाद कॉरपोरेट इंडस्ट्री, सिविल सेक्टर की नौकरियों में भी जा सकते हैं। इससे रिटायरमेंट और पेंशन का बोझ भी सरकार पर नहीं पड़ेगा। इस का प्रभाव सशस्त्र बलों की आयु प्रोफाइल पर पड़ेगा। इस योजना को सैन्य मामलों के विभाग द्वारा तैयार किया गया है जिसकी अगुवाई वर्तमान में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी कर रहे हैं।
कोरोना की वजह से बंद थी भर्ती
सेना के सूत्रों के मुताबिक सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा तो अगले 3-4 महीनों में अग्निवीरों के पहले बैच के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सकती है। ऐसे में बलों के पास विशिष्ट कार्यों के लिए विशेषज्ञों की भर्ती करने का विकल्प भी होगा जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कोरोना महामारी के दौरान सेना में भर्ती की प्रक्रिया बंद थी। जिसे सरकार फिर से शुरू करने की योजना बना रही है।
अग्निवीर होंगे सैनिक
जल्द ही सेना में अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को तीन साल के लिए सैनिक के रूप में भर्ती करने जा रही है। इन सैनिकों को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा। भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया में सुधार की ये पहल केंद्र सरकार द्वारा 'अग्निपथ प्रवेश योजना' के नाम से शुरू की जा रही है। इससे रिटायरमेंट और पेंशन का बोझ भी सरकार पर नहीं पड़ेगा। इस का प्रभाव सशस्त्र बलों की आयु प्रोफाइल पर पड़ेगा। इस योजना से औसत आयु में कमी आएगी।
मिलेगा ये फायदा
इस योजना के तहत तीन वर्षों की नियुक्ति के बाद सभी युवा सिविल सेक्टर / कॉर्पोरेट जगत की नौकरियों में जा सकते हैं। कई कंपनियों ने ऐसे ‘अग्निवीर’ की सेवाओं का लाभ उठाने में दिलचस्पी दिखाई है। कंपनियों का मानना है कि उन्हें इस तरह के सैन्य-प्रशिक्षित और अनुशासित लोगों को काम पर रखने से फायदा मिलेगा। प्रारंभिक योजनाके अनुसार, लगभग छह महीने के प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद, लगभग 20-25 प्रतिशत भर्ती किए गए युवाओं को 'अग्निवर' के रूप में जाना जाएगा जिन्हें लंबा कार्यकाल दिया जाएगा। जबकि अन्य को एक विभाजित पैकेज के साथ मुक्त कर दिया जो लगभग 10- 12 लाख रुपये का होगा।