- एक बैंक में प्रत्येक डिपॉजिटर को ज्यादा से ज्यादा 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया जाता है।
- अगर आपके पैसे पास एक से ज्यादा बैंकों में डिपॉजिट हैं, तो आपको हर एक बैंक में बीमा कवरेज मिलेगा।
- जमाकर्ता अपने बैंक के अधिकारी से इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं।
नई दिल्ली। हर कोई पूरे विश्वास के साथ बैंकों में अपने पैसे जमा करता है। लोग अपनी जमा पूंजी बैंकों में डिपॉजिट करा देते हैं क्योंकि उन्हें गारंटी मिलती है कि वहां से पैसे चोरी नहीं हो सकते। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर वो बैंक ही बंद हो जाए तो आपके द्वारा कड़ी मेहनत कर कमाए गए उन पैसों का क्या होगा? बैंक बंद (Bank Closed) होने की स्थिति में क्या गारंटी रह जाएगी कि आपको पैसे वापस मिलेंगे या नहीं? आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
कैसे वापस मिलेंगे पैसे?
आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि अगर बैंक बंद भी हो जाए, तो भी आपको पैसे वापस मिल जाएंगे। दरअसल जब कोई बैंक बंद हो जाता है, तो डिपॉजिटर के पास डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) द्वारा प्रदान किया जाने वाला बीमा कवर होता है। 4 फरवरी 2020 से डीआईसीजीसी के तहत बीमा कवर 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया।
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किस तरह के डिपॉजिट पर मिलता है बीमा कवर? (Bank Deposit Insurance)
सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), करंट अकाउंट, रिकरिंग डिपॉजिट (RD) और अन्य जमा DICGC के बीमा द्वारा कवर किए जाते हैं। डीआईसीजीसी बचत, फिक्स्ड, करंट, रिकरिंग, आदि तरह की डिपॉजिट का बीमा करता है। लेकिन इसमें विदेशी सरकारों की जमा राशि, केंद्र या राज्य सरकार की जमा राशि, इंटर-बैंक डिपॉजिट, स्टेट को- ऑपरेटिव बैंक में स्टेट लैंड विकास बैंकों की जमा, आदि शामिल नहीं है।
कौन से बैंकों में मिलती है ये सुविधा?
भारत में कार्यरत विदेशी बैंकों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों और रीजनल रूरल बैंकों सहित सभी कमर्शियल बैंकों का डीआईसीजीसी द्वारा बीमा किया जाता है। वर्तमान में सभी को- ऑपरेटिव बैंक DICGC के अंतर्गत आते हैं।
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