- वाराणसी के बभनियांव में खुदाई में मिले 3500 साल पुराने छह खंभों के स्तंभ गर्त व कई पुरावशेष
- इन प्राचीन वस्तुओं के अध्ययन में बीएचयू के प्राचीन इतिहास व पुरातत्व विभाग की टीम जुटी हुई है
- खुदाई में मिट्टी के बर्तन, जानवरों की हड्डियां, छिद्रदार मिट्टी के बर्तन, काले प्रकार के बीकर और चमकदार काले रंग के गिलास प्राप्त हुए हैं
Varanasi News: वाराणसी के बभनियांव में प्राचीन शिव मंदिर के समीप चल रही खुदाई के दौरान 3500 साल पहले के चमकीले व छिद्रदार काले रंगे बर्तन प्राप्त हुए हैं जो मिट्टी के बने प्रतीत हो रहे हैं। इनको देखने में कुछ गिलास की तरह हैं तो कुछ बीकर के आकार जैसे बर्तन हैं। खुदाई में मिलने के बाद इन प्राचीन वस्तुओं के अध्ययन में बीएचयू के प्राचीन इतिहास व पुरातत्व विभाग की टीम जुटी हुई है। जानकारी के अनुसार बभनियांव में 20 फरवरी से खुदाई का काम चल रहा है, जहां आए दिन कोई ना कोई पुरावशेष मिल रहे हैं।
बीएचयू के प्राचीन इतिहास विभाग के प्रो.अशोक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि विभागाध्यक्ष प्रो. ओएन सिंह के निर्देशन में यह खुदाई चल रही है। इसमें नए खुदाई स्थल पर मिट्टी के बर्तन, जानवरों की हड्डियां, छिद्रदार मिट्टी के बर्तन, काले प्रकार के बीकर और चमकदार काले रंग के गिलास भी प्राप्त हुए हैं जो ताम्र पाषाणकालीन प्रतीत हो रहे हैं। हालांकि इन पर अभी अध्ययन चल रहा है। इन पुरावशेषों की रिकार्डिंग और फोटोग्राफी कराई जा रही है।
3500 साल पहले के हैं ये पुरावशेष
बभनियांव में जो पुरावशेष मिले हैं, वे 3500 साल पहले के बताए जा रहे हैं। इस प्रकार के बर्तन मध्य गंगा घाटी के अन्य पुरास्थलों, मिर्जापुर के अगियाबीर, गोरखपुर के नरहन, बलिया के खैराडीह, पक्का कोट में कराई गई खुदाई में भी प्राप्त हो चुके हैं। इन पुरावशेषों के महत्व को देखते हुए अध्ययन के उपरांत इनके संरक्षण का कार्य भी किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ खुदाई का कार्य जारी है।
खुदाई में मिले छह खंभों के स्तंभ गर्त
यह खुदाई का कार्य प्राचीन शिव मंदिर परिसर में हो रहा है। इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर हो रही खुदाई में छह खंभों के स्तंभ गर्त के अवशेष पाए गए हैं। जिस प्रकार यहां स्तंभ गर्त मिलते जा रहे हैं, उसको देखने के बाद यह कहा जा सकता है कि, 3500 वर्ष पूर्व लोगों ने मंदिर के प्रवेश द्वार को लकड़ी के खंभे से सुसज्जित किया होगा।