- रिवैम्प्ड योजना के तीन नए बिजली सब स्टेशन होंगे स्थापित
- बदले जाएंगे जिलेभर के जर्जर तार-पोल, कॉपरेशन होगा डिजिटल
- योजना के तहत सभी कार्य आगामी पांच साल तक पूरे कर लिए जाएंगे
Varanasi Power Supply: बनारस में बिजली की आंख मिचौली पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार ने बड़ी पहल की है। इस जिले की बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार की तरफ से 524 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। मंजूरी मिलने के साथ ही पावर कॉरपोरेशन की तरफ से लखनऊ में टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जिले के अंदर यह सभी कार्य रिवैम्प्ड योजना के तहत कराए जाएंगे।
नगरीय विद्युत वितरण मंडल द्वितीय, बनारस के अधीक्षण अभियंता दीपक अग्रवाल ने शासन से मिली इस मंजूरी की जानकारी देते हुए बताया कि, जनपद में बिजली व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पावर कॉरपोरेशन द्वारा रिवैम्प्ड योजना के तहत यहां होने वाले कार्यों का एक एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया था। जिसे मंजूरी दे दी गई है। अब इस योजना के तहत जनपद में 523.97 करोड़ के काम किए जाएंगे। इसमें जिले भर के जर्जर तार-पोल को बदलने के साथ ही पूरी बिजली व्यवस्था बेहतर बनाई जाएगी। इस योजना के तहत सभी कार्य आगामी पांच साल तक पूरे कर लिए जाएंगे।
रिवैम्प्ड योजना के तहत होंगे ये कार्य
अधीक्षण अभियंता दीपक अग्रवाल ने बताया कि रिवैम्प्ड योजना के तहत जो कार्य प्रस्तावित हैं, उनमें बड़ी गैबी पार्क, रविदास मंदिर सीरगोवर्धनपुर और चितरंजन पार्क दशाश्वमेध में बिजली के तीन सब स्टेशन बनना प्रमुख है। इन सब स्टेशनों के बन जाने के बाद इन पर शहर के अलग-अलग हिस्से में बने 15 फीडरों का लोड बांटा जाएगा। वहीं जिले में करीब 6446 किलोमीटर की आरमर्ड केबल बिछाने का कार्य भी इस योजना में शामिल है। इसमें 323 किलोमीटर थ्री फेज होगा। इसके अलावा जिले के सभी खुले तार को बंच केबल से रिप्लेस किया जाएगा। अकेले इस कार्य पर ही 369.37 करोड़ रुपये खर्च होने का एस्टीमेट तैयार किया गया है।
एक क्लिक में मिलेगी सारी जानकारी
वहीं पूरे जिले में करीब 5940 किलोमीटर तार जमीन के अंदर डाला जाएगा। साथ ही गांवों के जर्जर तारों को बदलने पर 88 करोड़ खर्च किए जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार जिले में 33 केवीए की 200 किलोमीटर तारों को अपग्रेड करने पर भी करीब 13.36 करोड़ खर्च होंगे। इसके अलावा कॉपरेशन के ऑफिस कार्य को सुगम व डिजिटल बनाने का कार्य भी इस योजना में शामिल किया गया है। इस पर करीब 39 करोड़ खर्च होंगे। इसके बाद कॉपरेशन का सभी कार्य डिजिटल हो जाएगा। उपभोक्ता एक क्लिक में सभी जानकारी हासिल कर सकेंगे।