- पूर्व छात्र ने आईआईटी बीएचयू को दिया 7.76 करोड़ का दान
- विवि की मुख्य लाइब्रेरी होगी श्रीनिवास पांडे के नाम
- श्रीनिवास देश पांडे ने 1948 में किया था बीएससी
BHU Main Library: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) के पुस्तकालय का नाम बदला जाएगा। पुस्तकालय नामकरण 24 जून, 2022 को सुबह साढ़े 9 बजे होगा। यह समारोह परिसर में आयोजित होगा। यह समारोह आईआईटी (बीएचयू) फाउंडेशन के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी लाइव प्रसारित होगा। इस समारोह को IIT-BHU फाउंडेशन के सोशल मीडिया हैंडल पर भी देख सकते हैं। दरअसल, आईआईटी (बीएचयू) के पूर्व छात्र ने संस्थान को एक मिलियन डॉलर यानी 7 करोड़ 76 लाख 30 हजार रुपये का अनुदान दिया है। अमेरिका के बोस्टन में रहने वाले उद्यमी और समाजसेवी श्रीदेश पांडे और उनकी पत्नी जयश्रीदेश पांडे ने यह धनराशि आईआईटी (बीएचयू) के फाउंडेशन को दी है।
श्रीदेश पांडे ने यह अनुदान अपने पिता श्रीनिवास देशपांडे के सम्मान में दिया है। ऐसे में आईआईटी (बीएचयू) ने अब संस्थान के मुख्य पुस्तकालय को श्रीनिवास देशपांडे के नाम पर करने का निर्णय लिया है। यूएस आधारित स्वयं सेवी और गैर-लाभकारी संस्था आईआईटी (बीएचयू) फाउंडेशन ने यह जानकारी दी है।
श्रीनिवास देश पांडे 1948 बैच के छात्र रहे
आपको बता दें कि श्रीनिवास देश पांडे आईआईटी बीएचयू (तत्कालीन आईटी) के साल 1948 बैच के छात्र रहे हैं। श्रीदेश देशपांडे ने बताया कि उनके पिता श्रीनिवास देशपांडे का जन्म दो मार्च 1925 को हुआ था। 1948 में बीएचयू से औद्योगिक रसायन विज्ञान में प्रथम श्रेणी में बीएससी की। इसके बाद उन्होंने 31 साल सार्वजनिक क्षेत्र में काम किया। 1980 में वह संयुक्त श्रम आयुक्त के पद पर कर्नाटक सरकार से सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद श्रीनिवास देश पांडे ने हुबली में चिन्मय मिशन के अध्यक्ष, शरीफ ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया।
पुस्तकालय के सैकड़ों लोगों के जीवन पर पड़ेगा असर
श्रीनिवास के बेटे श्रीदेश पांडे के अनुसार, बीएचयू के प्राचार्य डॉ. गोडबोले और मेरे पिता की एक संयोगवश मुलाकात हुई। इस मुलाकात ने मेरे पिता को इस विश्वविद्यालय में शिक्षा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आगे कहा कि इस विश्वविद्यालय ने हमारे परिवार के जीवन को बदलकर रख दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस विनम्र उपहार से भविष्य में पुस्तकालय के सैकड़ों लोगों के जीवन पर असर पड़ेगा। आईआईटी (बीएचयू) फाउंडेशन के अध्यक्ष अरुण त्रिपाठी के अनुसार, हम देशपांडे और उनकी पत्नी जयश्री के इस महत्वपूर्ण उपहार के लिए आभार व्यक्त करते हैं।