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Varanasi News: अब अपराधियों की पहचान करेगा फेस रिकग्निशन कैमरा, वाराणसी के चौराहों और गलियों में लगे कैमरे

Updated Apr 28, 2022 | 19:30 IST

Face Recognition Camera: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए फेस रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों से पुलिस को काफी मदद मिलेगी। इसकी मदद से अपराधों पर रोक लगेगी।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
वाराणसी में लगेंगे फेस रिकग्निशन कैमरे
मुख्य बातें
  • 400 किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाई गई
  • वाराणसी में 16 जगहों पर लगे 22 फेस रिकग्निशन कैमरे
  • अब अपराधियों का बचना होगा मुश्किल

Varanasi News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अपराधियों पर लगातार शिकंजा कस रही है। योगी सरकार ने अपराध पर लगाम लगाने के लिए एक और कदम उठाया है। वाराणसी के चौक चौराहों पर एडवांस सर्विलांस सिस्टम के तहत फेस रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों से अपराधियों का बचना मुश्किल है। दरअसल, वाराणसी में अपराधियों की पहचाना कर उन पर कार्रवाई के लिए चौराहों पर फेस रिकग्निशन कैमरा लगाए गए हैं। इन कैमरों की खासियत है कि इसके लगने के बाद सड़क पर निकलते ही अपराधियों की न केवल पहचान हो जाएगी, बल्कि उन्हें सलाखों के पीछे भिजवाया जाएगा। 

सरकार की ओर से एडवांस सर्विलांस सिस्टम के तहत वाराणसी के चौक, चौराहो और गलियों में यह कैमरा लगवाया गया है। जल्द ही प्रदेश के अन्य शहरों में भी इन कैमरों को लगवाया जाएगा। इस नई प्लानिंग के तहत वाराणसी में अपराधों पर रोक लगाई जा सकेगी।

वाराणसी में 16 जगहों पर 22 कैमरे लगाए गए 

वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि पुलिस के सुझाव के बाद वाराणसी में 16 जगहों पर 22 कैमरे लगाए गए हैं। इस कैमरे के लगने के बाद यह करीब 50 से 60 मीटर की दूरी से अपराधियों की पहचान कर लेता है। उन्होंने बताया कि साथ ही इसकी सूचना काशी इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम में बैठे पुलिस कर्मियों को तुरंत मिल जाएगी। फेस अलॉगर्थिम यानी डाटा बेस में मौजूद अपराधी की फोटो को कैमरे से कैप्चर करके उसकी पिक्चर से मिलान करेगा। इसके साथ ही उसकी विशेष पहचान कोडिंग और नाम से बता देगा।

कई साल पुरानी तस्वीर को पहचान लेता है कैमरा

आपको बता दें कि फेस रिकग्निशन कैमरे अपराधियों की कई साल पुरानी तस्वीर को पहचान लेता है, इसके अलावा मास्क, हेलमेट या कपड़े से ढके चेहरे को भी आसानी से स्कैन कर लेता है। डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि एडवांस सर्विलांस सिस्टम के लिए करीब 400 किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस पूरी योजना में भारत, अमेरिकन और यूरोपियन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
 

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