वाराणसी: कोरोना काल में वाराणसी में गंगा नदी में शवों को प्रवाहित करने से रोकने के लिए प्रशासन ने नया फैसला किया है। वाराणसी स्मार्ट सिटी द्वारा कोविड - 19 के प्रभावी नियंत्रण हेतु ड्रोन ऑपरेशन्स का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया। शवों को नदी में बहाने की घटना के बाद सचेत शासन-प्रशासन ने अब गंगा की ड्रोन से निगरानी कराने का निर्णय लिया है।
इसका संचालन सिगरा स्थित कोविड कंट्रोल रूम से होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में सबसे पहले यह व्यवस्था लागू की गई है।
काशी में ड्रोन से अब गंगा की निगरानी का प्लान बनाया गया है। अब गंगा में शव बहाने वाले आसानी से पकड़े जाएंगे। इतना ही नहीं ड्रोन की मदद से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सैनिटाइजर के छिड़काव के साथ ही सफाई व्यवस्था का समय-समय पर निरीक्षण भी किया जाएगा।
नगर निगम वाराणसी द्वारा 4 ड्रोन मंगाए गए हैं
नगर निगम वाराणसी द्वारा 4 ड्रोन मंगाए गए हैं जिन्हें अलग अलग काम में लगाया जाएगा। एक ड्रोन में माइक लगा है और ये ड्रोन शहर के लोगों को कोरोना गाइडलाइन पालन करने के लिए सचेत करेगा। वहीं दूसरे ड्रोन से सेनिटाइजेशन की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना वैक्सीनेशन टीकाकरण का स्थलीय निरीक्षण किया
बता दें कि वाराणसी दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, शिवपुर पर हो रहे कोरोना वैक्सीनेशन टीकाकरण का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मौके पर वैक्सीन का पहला डोज लगवा रही सोनी कुमारी एवं सौरभ शर्मा से मुख्यमंत्री ने उनका कुशलक्षेम पूछा। इससे पहले मंगलवार को सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ भी मुलाकात की।
मुख्यमंत्री योगी ने पंडित छन्नूलाल मिश्र ने की मुलाकात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पद्म विभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र से भी मुलाकात की है। दोनों के बीच लगभग 40 मिनट की वार्ता में पंडित छन्नूलाल मिश्र ने प्राइवेट अस्पताल में कोरोना से हुई उनकी बेटी संगीता मिश्रा की मौत के प्रकरण में बातचीत की, जहां सीएम ने उन्हें न्याय का भरोसा दिया है।