इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी से बीएचयू के एक विद्यार्थी के लापता होने से जुड़े मामले को लेकर मुख्य न्यायाधीश को भेजी एक पत्र याचिका को संज्ञान में लेते हुए वाराणसी के जिलाधिकारी और एसएसपी को बुधवार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने सरकारी वकील को इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख तक एक जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।
खंडपीठ ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी द्वारा लिखे गए पत्र को संज्ञान में लेते हुए यह आदेश पारित किया। सौरभ तिवारी ने अपने पत्र में लापता विद्यार्थी के पिता की व्यथा का उल्लेख किया है जो 12 फरवरी, 2020 से अपने बेटे शिव कुमार त्रिवेदी से संपर्क स्थापित करने में विफल रहे हैं। शिव कुमार त्रिवेदी बीएचयू में बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है।
पत्र में दिए गए विवरण के मुताबिक, शिव कुमार त्रिवेदी को बीएचयू के एमपी थिएटर ग्राउंड से कुछ पुलिस कर्मियों द्वारा 12 फरवरी, 2020 को उठाया गया और लंका पुलिस थाने ले जाया गया था। तब से शिव कुमार लापता है। उनके पिता ने वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कई बार शिकायत की, लेकिन सब बेकार रहा।पत्र में आरोप लगाया गया है कि त्रिवेदी के एक साथी द्वारा 112 नंबर पर फोन करने के बाद त्रिवेदी को उठाया गया था।
त्रिवेदी के साथी ने फोन पर बताया था कि त्रिवेदी थिएटर ग्राउंड पर बेसुध पड़ा है। हालांकि, पुलिस इस बात से इनकार करती रही है कि त्रिवेदी लंका थाना पर था, लेकिन डायल 112 के कॉल का विवरण सामने आने पर पुलिस ने अब स्वीकारा है कि त्रिवेदी 12 फरवरी की रात लंका थाने पर था। हालांकि, उसने लापता विद्यार्थी का और कोई ब्योरा नहीं दिया है।