- वाराणसी-हावड़ा बुलेट ट्रेन के हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के लिए पहले सर्वे किया जाएगा
- फिर जीओ टेक तरीके से सर्वे होगा इसमें भूकंप और नींव के लिए मिट्टी का सैंपल लिया जाएगा
- ऐसा कहा जा रहा है कि बुलेट ट्रेन के जरिये यह दूरी महज 3-4 घंटे में पूरी की जा सकेगी
नई दिल्ली: देश में तीव्र आवागमन के लिए सरकार कदम उठा रही है, मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कहा जा रहा है कि वाराणसी से हावड़ा तक बुलेट ट्रेन की सेवा मिलेगी कहा जा रहा है कि बुलेट ट्रेन चलाने के लिए अलग हाईस्पीड रेल कारिडोर का निर्माण होगा। इसे लेकर प्राइवेट कंपनी जल्दी ही सर्वे करने जा रही है ऐसा बताया जा रहा है।
वाराणसी-हावड़ा बुलेट ट्रेन के हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के लिए पहले सर्वे किया जाएगा जिसके तहत संभावित रूट तलाशे जाएंगे फिर जीओ टेक तरीके से सर्वे होगा इसमें भूकंप और नींव के लिए मिट्टी का सैंपल लिया जाएगा इसके बाद इस दिशा में आगे बढ़ा जाएगा
वाराणसी से हावड़ा तक मौजूदा रेल रूट की दूरी करीब 680 किमी की है इसी रूट पर अब एविलेटेड रेल कॉरिडोर तैयार कर बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है बुलेट ट्रेन के जरिये यह दूरी महज 3-4 घंटे में पूरी की जा सकेगी ऐसा कहा जा रहा है।
ग्राउंड सर्वे करने के लिए हेलीकाप्टर के जरिए लेजर युक्त उपकरण के साथ लिडार तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
रेलवे मंत्रालय ने अन्य क्षेत्रों में हाईस्पीड कारिडोर निर्माण के लिए भी रुझान दिखाया है बताते हैं कि इसके तहत सात कारिडोर चयनित हुए हैं।
हरियाली का भी रखा जाएगा ख्याल
वहीं नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में बुलेट ट्रेन पर्यावरण के ट्रैक से होकर दौड़ेगी नई दिल्ली-वाराणसी के बीच प्रस्तावित 810 किमी कॉरिडोर किनारे छायादार पौधे रोपे जाएंगे जैसे अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के बीच हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधे लगाए जा रहे हैं।