- मझमिटिया गांव की घटना, अनुराग सिंह बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती
- संकठा नगर कॉलोनी निवासी प्रकाश सिंह, मझमिटिया के उदय सिंह और महादेव नगर कॉलोनी के गोलू सिंह मामले में नामजद
- पुलिस सरगरमी से कर रही तीनों आरोपियों की तलाश
Firing in Varanasi: व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में वाराणसी जिला अंतर्गत मझमिटिया में 25 साल के अनुराग सिंह को जान से मारने की नीयत से सिर में गोली मारी गई है। मिट्टी के व्यापारी अनुराग बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती हैं। इनके पिता अनिल कुमार सिंह ने लालपुर पांडेयपुर थाने में तीन लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करवाई है। आरोपियों में संकठा नगर कॉलोनी के रहने वाले प्रकाश सिंह, मझमिटिया के उदय सिंह और महादेव नगर कॉलोनी के गोलू सिंह शामिल हैं। पुलिस इन तीनों की सरगरमी से तलाश कर रही है।
जयरामपुर स्थित साइट पर मिट्टी गिराने को लेकर विवाद
अनुराग बड़े स्तर पर मिट्टी ढुलाई का काम करते हैं। फिलहाल वह चौबेपुर क्षेत्र अंतर्गत जयरामपुर में एक साइट पर मिट्टी गिरवा रहे थे। इसी साइट पर मिट्टी गिराने को लेकर प्रकाश, उदय और गोलू द्वारा अनुराग से रंजिश रखी जा रही थी। तीनों आरोपी भी इसी काम से जुड़े हैं। दोनों पक्षों में मंगलवार की सुबह पंचायत भी हुई थी, लेकिन देर रात मिट्टी ढुलाई के दौरान अनुराग से प्रकाश, उदय और गोलू की कहासुनी हुई। इसके बाद अनुराग के सिर में गोली मार दी गई।
आरोपियों के करीबियों से चल रही पूछताछ
लालपुर पांडेयपुर थाना प्रभारी का कहना है कि, व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में वारदात को अंजाम दिया गया है। नामजद तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके करीबियों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी। इधर, अनुराग के पिता ने बताया कि, गोली लगने के बाद उनके बेटे को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उसकी हालत गंभीर देखकर बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया गया है। फिलहाल स्थिति नाजुक बनी है।
व्यापारियों में आक्रोश
घटना को लेकर व्यापारी वर्ग में आक्रोश है। मिट्टी, छड़, सिमेंट और हार्डवेयर से जुड़े व्यापारियों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही व्यापारियों की सुरक्षा की मांग उठाई है। व्यापारियों का कहना है कि, मामले में आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए। इसके साथ ही जल्द ही उन्हें सजा मिले, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना को दोबारा अंजाम नहीं दिया जाए।