- इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू करने की तैयारी
- अभी 6 रूट पर चल रहीं 50 बसें
- नए रूट को मंजूरी मिलने पर 25 नई बसें चलेंगी
Varanasi Bus Routes: वाराणसी शहर को प्रदूषण और जाम से निजात दिलाने के लिए अब एसी इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू हो रहा है। वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के के तिवारी और एडीसीपी ट्रैफिक डीके पूरी ने दो मार्गों का सर्वे किया है। कैंट स्टेशन से एक बस सिगरा होते हुए रथयात्रा, लक्सा, गिरजाघर, बेनियाबाग, चेतगंज, लहुराबीर होकर कैंट जाएगी। दूसरी बस कैंट से लहुराबीर, कबीर चौरा, मैदागिन, विशेश्वरगंज, पीली कोठी, गोलगड्डा, वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन होकर कैंट जाएगी।
इस बस से श्रद्धालुओं को काल भैरव के दर्शन करने में सुविधा होगी। बता दें ई-बसों को मिर्जामुराद वाया कैंट राजघाट से पड़ाव और लंका वाया रामनगर किला तक चलाने की योजना है। हालांकि ओवरहेड बैरियर की वजह से इन मार्गों पर बसों के परिचालन शुरू करने में परेशानी है।
नई बसों की बढ़ जाएगी दूरी
अभी छह मार्गों पर 50 बसें 1568 किलोमीटर की दूरी में 100 फेरे लगा लेती हैं। नए रूट मंजूर हो जाने के बाद 25 नई बसें 2500 से अधिक किलोमीटर दूरी का सफर कर सकेंगी। बता दें, बाबा धाम और काल भैरव जाने के लिए अमूमन ऑटो से 30-35 रुपए किराया लगता है। ई-बसों का किराया प्रति सवारी 10 से 15 रुपए ही होगा। दोनों रूट पर दो बसों का परिचालन किया जाएगा। बसें दिन में दो फेरे लगाएंगी।
इन दो जगहों तक के लिए भी प्रस्ताव
जिले के छह रूट पर 50 ई-बसें परिचालित हो रहीं हैं। हाल में 25 बसों को अस्थाई तौर पर चलाया गया है। इन्हीं बसों के परिचालन के लिए नए मार्गों का सर्वे किया गया है। इसमें मिर्जामुराद से कैथी, राम नगर समेत शहर के कई प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़कर छह नए मार्गों का प्रस्ताव बनाया गया है। इसे शासन से मंजूरी मिलने का इंतजार है।
शासन को भेजी जाएगी दो रूट की सर्वे रिपोर्ट
वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के निदेशक के के तिवारी का कहना है कि, एडीसीपी ट्रैफिक द्वारा पहले चरण में शहर के बीच के धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों को जोड़ते हुए दो रूट का सर्वे किया गया है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है। वहां से मंजूरी मिलते ही बसों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।