- वाराणसी: मुंडन कराने वाला निकला भारतीय, 1000 ₹ में बना था नेपाली
- वाराणसी पुलिस ने किया खुलासा, 6 आरोपी अभी तक गिरफ्तार
- सोशल मीडिया में वायरल हुआ था वीडियो, लोगों ने जमकर की थी आलोचना
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जबरन मुंडन कराने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल जिस शख्स को नेपाली बताकर उसका मुंडन किया था वो भारतीय निकला है और इसका खुलासा खुद उसी शख्स ने किया है। दो दिन पहले ही यह मामला सामने आया था जिसके बाद इस कृत्य की सोशल मीडिया में जमकर आलोचना हुई थी और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी की गई थी। आरोपियों ने कथित नेपाली शख्स के सिर का मुंडन कर उस पर जय श्रीराम लिख दिया था।
कपड़े की दुकान में काम करता है धर्मेंद्र
अब पीड़ित शख्स खुद सामने आया है। यह कोई नेपाली नहीं बल्कि भारतीय है जिसका नाम धर्मेंद्र सिंह है। धर्मेंद्र के मुताबिक वह एक साड़ी की दुकान में काम करता है। वाराणसी के एसएसपी के मुताबिक लॉकडाउन के कारण उसके सामने आर्थिक तंगी के हालात पैदा हो गए थे और संस्था के लोगों ने उसे इस काम के लिए एक हजार रुपये का लालच दिया जिसके लिए वह राजी हो गया। इसके बाद उसका सिर मुंडवा कर उस पर जय श्रीराम लिखा गया और वीडियो बनवा लिया गया।
चार आरोपी अरेस्ट
इस मामले के संज्ञान में आने के बाद चौतरफा घिरी पुलिस ने तुरंत 6 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया था। विश्व हिंदू सेना सेना का संस्थापक और मुख्य आरोपी अरुण पाठक अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर है जिसके तलाश के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। इस मामले को लेकर भेलपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें संतोष पांडे, राजू यादव, आशीष मिश्रा और अमित दुबे शामिल हैं।
पुलिस का बयान
वाराणसी पुलिस ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'दिनांक 16 जुलाई को वाराणसी में एक सोशल मीडिया अकाउंट से जारी पड़ोसी देश पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले वीडियो में कार्रवाई जारी है। अब तक 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वीडियो में दिखाए गए व्यक्ति भारतीय नागरिक हैं जिनका जन्म वाराणसी में हुआ और परिवार के लोग सरकारी सेवा में कार्यरत हैं।'
दरअसल वायरल हुए वीडियो में आरोपियों ने एक शख्स को पकड़कर उसका जबरन मुंडन करवा दिया था औऱ इसके बाद उससे ओली मुर्दाबाद और जय श्रीराम के नारे लगवाए गए। दरअसल हिंदू सेना ने एक पोस्टर के जरिए धमकी दी थी कि नेपाली प्रधानमंत्री भगवान राम पर दिए गए अपने बयान को वापस लेते हुए माफी मांगें नहीं तो भारत में नेपालियों को गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे।